ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे का त्योहार मनाते हैं। गुड फ्राइडे को शोक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या होली फ्राइडे भी कहा जाता है। इस साल गुड फ्राइडे 29 मार्च को है। यह शुक्रवार ही था जब तत्कालीन शाशकों ने ईसा मसीह को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के बाद उन्हें सूली पर चढ़ा दिया था।
ईसा मसीह ने मानव जाति के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था, इसलिए ईसाई धर्म के लोग इस शुक्रवार को 'गुड फ्राइडे' के रूप में मनाते हैं। गुड फ्राइडे को होली डे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को मुख्य रूप से ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह के बलिदान दिवस के रूप में मनाते हैं।
बाइबिल के अनुसार, इस दिन ईसाइयों के भगवान और प्रेम, ज्ञान और अहिंसा का संदेश देने वाले ईसा मसीह ने मानव जाति के कल्याण के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया था। यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और फिर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया, उस दिन शुक्रवार था।
ईसाइयों की पवित्र किताब बाइबिल में भी बताया गया है कि ईसा मसीह को करीब 6 घंटे तक कीलों से ठोका गया था और फिर उन्हें फांसी पर लटका दिया गया था। जब यह सब हो रहा था तो पिछले 3 घंटों से पूरे राज्य में अंधेरा था और ईसा मसीह की मृत्यु के बाद कब्रें ढहने लगीं। कुछ मान्यताओं के अनुसार सूली पर चढ़ाए जाने के तीन दिन बाद ईसा मसीह पुनर्जीवित हो गए थे, उस दिन रविवार था। ऐसे में इसे पूरी दुनिया में ईस्टर संडे के तौर पर मनाया जाता है।
इस दिन का क्या महत्व है?
ईसाई धर्म के लोग 40 दिनों तक उपवास रखते हैं, जबकि कुछ लोग केवल शुक्रवार को उपवास रखते हैं, इसे लेंट कहा जाता है। इस दिन लोग चर्चों और घरों में सजावटी वस्तुओं को कपड़े से ढक देते हैं और चर्च में लोग काले कपड़े पहनकर शोक मनाते हैं। साथ ही, प्रभु यीशु से अपने पापों के लिए क्षमा मांगते हैं और यीशु मसीह के अंतिम सात वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन लोग चर्च में प्रभु यीशु के बलिदान को याद करते हैं।