हिरोशिमा दिवस (Hiroshma Day) हर साल 6 अगस्त को जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बमबारी की बरसी मनाने के लिए मनाया जाता है, जो 6 अगस्त, 1945 को हुआ था। यह घातक विस्फोट द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान था जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने "लिटिल बॉय (Little Boy)" नामक परमाणु बम गिराया था।
बमबारी के परिणामस्वरूप भारी तबाही हुई, जिससे जीवन की अभूतपूर्व क्षति हुई और व्यापक विनाश हुआ। बमबारी के कारण जापान को आत्मसमर्पण करना पड़ा और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति हुई। हालाँकि, इसने युद्ध में परमाणु हथियारों के उपयोग की नैतिकता और दीर्घकालिक परिणामों के बारे में बहस भी छेड़ दी।
हिरोशिमा दिवस दुनिया भर में स्मरण और चिंतन के दिन के रूप में मनाया जाता है। यह युद्ध के विनाशकारी प्रभाव और संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान खोजने के महत्व की याद दिलाता है। कई शांति संगठन, परमाणु-विरोधी समूह और व्यक्ति शांति, परमाणु निरस्त्रीकरण और अहिंसा की वकालत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम, समारोह और चर्चाएँ आयोजित करते हैं।
इस दिन, दुनिया भर के लोग अतीत की भयावहता पर विचार करने और सभी के लिए अधिक शांतिपूर्ण और सुरक्षित भविष्य बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने के लिए कुछ समय निकालते हैं। यह बम विस्फोटों के पीड़ितों को याद करने, उनकी स्मृति का सम्मान करने और परमाणु हथियारों के खतरे से मुक्त दुनिया के लिए प्रयास करने का समय है।
द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) एक वैश्विक संघर्ष था जिसमें प्रमुख शक्तियां, मित्र राष्ट्र (अमेरिका, यूएसएसआर, यूके के नेतृत्व में) और धुरी राष्ट्र (जर्मनी, इटली, जापान के नेतृत्व में) शामिल थे। इसकी शुरुआत जर्मनी के पोलैंड पर आक्रमण से हुई, जिसके परिणामस्वरूप पूरे यूरोप, अफ्रीका, एशिया और प्रशांत क्षेत्र में लड़ाइयाँ हुईं। युद्ध में परमाणु बमों के उपयोग जैसी महत्वपूर्ण घटनाएँ देखी गईं। इस संघर्ष में करोड़ो लोगों की जानें गयीं।
वर्ष 1945 में जापान पर अमेरिका द्वारा ‘हिरोशिमा’ और ‘नागासाकी’ पर परमाणु बम गिराया गया। इस कारण जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया और अंततः युद्ध विराम की घोषणा हुई।
यद्यपि युद्ध का तो अंत हो गया किन्तु हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए बमबारी को मानवीय इतिहास में एक भीषण त्रासदी के रूप में गिना जाता है। यह बमबारी 6 अगस्त और 9 अगस्त के दिन क्रमशः हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए।
इस प्रकार की विभीषिका का मानव जाति को पुनः सामना न करना पड़े, इसीलिए 6 अगस्त और 9 अगस्त को क्रमशः 'हिरोशिमा दिवस' और 'नागासाकी दिवस' के रूप में स्मरण किया जाता है।