अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस – International Press Freedom day

r25IQAEAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAALwa9YAABYDw1hAAAAABJRU5ErkJggg== अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस - International Press Freedom day

आज, 3 मई, 2025 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व को रेखांकित करता है। यह दिन उन पत्रकारों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का भी अवसर है जिन्होंने सच कहने और जनता को सूचित करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली या अपनी स्वतंत्रता खो दी।

लोकतंत्र का अपरिहार्य स्तंभ

प्रेस, जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, किसी भी स्वस्थ समाज के लिए अपरिहार्य है। यह नागरिकों को सूचित निर्णय लेने, सरकार को जवाबदेह ठहराने और विचारों के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस भ्रष्टाचार को उजागर कर सकती है, मानवाधिकारों की रक्षा कर सकती है और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों की आवाज उठा सकती है।

हालांकि, आज के दौर में प्रेस की स्वतंत्रता कई चुनौतियों का सामना कर रही है। दुनिया के कई हिस्सों में पत्रकारों को धमकाया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है, कैद किया जाता है और यहां तक कि उनकी हत्या भी कर दी जाती है। राजनीतिक दबाव, आर्थिक हित और निहित स्वार्थ अक्सर मीडिया की स्वतंत्रता को कमजोर करने का प्रयास करते हैं। इसके अतिरिक्त, सोशल मीडिया के उदय और फेक न्यूज़ के प्रसार ने सूचना के परिदृश्य को जटिल बना दिया है, जिससे जनता के लिए विश्वसनीय जानकारी तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।

भारत में प्रेस की स्थिति: एक मिश्रित तस्वीर

भारत में भी प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति मिश्रित रही है। एक जीवंत और बहुभाषी मीडिया परिदृश्य के बावजूद, पत्रकारों को अक्सर राजनीतिक दबाव, धमकियों और हिंसा का सामना करना पड़ता है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की रैंकिंग चिंताजनक बनी हुई है। ऑनलाइन ट्रोलिंग और अभद्र भाषा पत्रकारों, खासकर महिला पत्रकारों के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है।

इसके बावजूद, भारत में कई ऐसे पत्रकार और मीडिया संगठन हैं जो निडरता और ईमानदारी के साथ अपना काम कर रहे हैं। वे सत्ता से सवाल पूछते हैं, सच्चाई को सामने लाते हैं और जनता को सूचित रखते हैं। उनका काम लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

हमारी सामूहिक जिम्मेदारी

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस किसी भी लोकतांत्रिक समाज के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। यह सरकारों, मीडिया संगठनों और नागरिकों सभी की जिम्मेदारी है कि वे प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करें और पत्रकारों के लिए एक सुरक्षित और सक्षम वातावरण सुनिश्चित करें। हमें फेक न्यूज़ और दुष्प्रचार का मुकाबला करने, मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देने और गुणवत्तापूर्ण पत्रकारिता का समर्थन करने की आवश्यकता है।

अंततः, प्रेस की स्वतंत्रता केवल पत्रकारों का अधिकार नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का अधिकार है। यह हमारे विचारों को व्यक्त करने, जानकारी प्राप्त करने और एक सूचित समाज में भाग लेने की हमारी क्षमता से अटूट रूप से जुड़ी हुई है। इस विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर, आइए हम सब मिलकर प्रेस की स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखने और एक ऐसी दुनिया के लिए प्रयास करने का संकल्प लें जहां सच्चाई की आवाज हमेशा बुलंद रहे।

और अंत में, इस महान दिवस पर, हम उन ‘स्वतंत्र’ आवाजों को भी सलाम करते हैं जो सत्ता के गलियारों में फुसफुसाती हैं और टीआरपी के शोर में सच को ढूंढने का नाटक करती हैं। उम्मीद है, एक दिन ऐसा आएगा जब ‘स्वतंत्रता’ का मतलब वाकई स्वतंत्रता होगा, न कि सिर्फ सरकारी विज्ञप्तियों को भक्तिभाव से पढ़ना या सोशल मीडिया के ट्रेंड्स के अनुसार अपनी राय बदलना। तब तक, चलिए इस भ्रम को बनाए रखते हैं कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ अभी भी मजबूती से खड़ा है – भले ही थोड़ा लड़खड़ा रहा हो और उसे सहारे की सख्त ज़रूरत हो। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!∎

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