राष्ट्रीय खेल दिवस – National Sports Day

राष्ट्रीय खेल दिवस किसी देश में एथलीटों की उपलब्धियों और योगदान को सम्मान और स्मरण करने के लिए मनाया जाने वाला दिन है। यह आमतौर पर विभिन्न देशों में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है और खेल और शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।


कई फायदे हैं खेल के - There are many benefits of sports

जीवन में गतिशीलता का अभाव और आरामतलब दिनचर्या के चलते असंतुलित होकर गिरने से लगी चोट भी कई बार शारीरिक अक्षमता, यहां तक कि मौत का कारण बन जाती है। हालांकि, कुछ लोग फिट रहने के लिए ट्रेडमिल पर घंटों पसीना तो बहाते हैं, पर इसमें निरंतरता नहीं रख पाते। वहीं, अगर आप किसी आउटडोर स्पोर्ट्स के शौकीन हैं तो इससे न केवल फिट रहते हैं, बल्कि लंबे समय तक मोटिवेशन भी बना रहता है। स्पोर्ट्स खेलने का सबसे बड़ा फायदा है कि आपका BMR (बेसल मेटाबोलिक रेट) बढ़ जाता है, जिससे मोटापे का शिकार नहीं होते और वजन नियंत्रित रहता है। इससे रक्तचाप, हाइपरटेंशन से बचे रहते हैं, जो बढ़ती उम्र के साथ आज एक बड़ी समस्या है। वहीं, टाइप-2 डायबिटीज, हदय संबंधी बीमारियों, ब्रेन स्ट्रोक यहां तक कि ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर का जोखिम भी कम रहता है।आपकी फिटनेस इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस तरह के खेलों में रुचि लेते हैं। कुछ स्पोर्ट्स में पावर और स्टेमिना की अधिक जरूरत होती है। अगर पेशेवर खिलाड़ी नहीं हैं तो सामान्य तरह की खेल गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।

देश में इस समय हर घर में भारत के स्टार नीरज चोपड़ा के पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मैडल जीतने को लेकर चर्चा हो रही है। बच्चों को इन प्लेयर्स का उदाहरण देकर करियर पर ध्यान देने को लेकर समझाया तो जरूर जाता है, लेकिन जब तक बच्चों को खेल के परिवार से ज्यादा सपोर्ट नहीं मिलेगा तब तक भारत को भविष्य में और नीरज चोपड़ा जैसा प्लेयर भला कैसे मिलेगा?

ऐसे में इस खास मौके पर जानते हैं कैसे, कब और किसकी वजह से राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी -

कब हुआ था राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की शुरुआत? - When did the celebration of National Sports Day start?

राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) मनाने की शुरुआत 29 अगस्त 2012 से हुई थी। जब इस तारीख को खिलाड़ियों को समर्पित करने का फैसला लिया गया। 29 अगस्त की तारीख इसलिए चुनी गई, क्योंकि इस दिन महान हॉकी प्लेयर मेजर ध्यानचंद का जन्म हुआ था। बता दें कि प्रयागराज में जन्में ध्यानचंद को इस खेल में महारत हासिल थी और उन्हें इसलिए हॉकी जादूगर और द मैजिशियन के नाम से बुलाया जाता था। 29 अगस्त 1905 को इलाहबाद में मेजर ध्यानचंद का जन्म हुआ था। वह एक सैनिक और खिलाड़ी थे। उन्हें भारतीय हॉकी के सबसे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक माना जाता था। वह आजादी से वह ब्रिटिश आर्मी में थे और हॉकी खेला करते थे।

खेल दिवस एक तरह से देश के खेल सितारों और चैंपियनों को भी समर्पित है, जो वैश्विक मंच पर देश को गौरवान्वित करते हैं। सिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि ये दिन लोगों को फिटनेस और स्वस्थ रखने के महत्व को भी दर्शाता है। भारत के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों का ऐलान भी कई बार इस दिन होता है, जिसमें छह अलग-अलग तरह के पुरस्कार शामिल हैं। इनमें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, दोणाचार्य पुरस्कार, मेजर ध्यानचंद पुरस्कार, मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी और राष्ट्रीय खेल नोत्साहन पुरस्कार शामिल हैं।

बदलते समय के साथ हर चीज में परिवर्तन हो रहा है, लेकिन अगर इंसान मानसिक और शारीरिक स्वस्थ नहीं तो पैसे कमाने का भी कोई मतलब नहीं रह जाता है। आज हम ये सब इसलिए कह रहे है, क्योंकि आज यानी 29 अगस्त का दिन खेल जगत के लिए बेहद ही खास है।

यह दिन स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने और राष्ट्रीय गौरव की भावना को बढ़ावा देने में खेल और शारीरिक गतिविधि के महत्व की याद दिलाता है। यह सभी उम्र के लोगों को खेलों में शामिल होने, सक्रिय रहने और देश को गौरव दिलाने वाले एथलीटों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।