बीएसएफ स्थापना दिवस (BSF Day) : प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को सीमा सुरक्षा बल अपना स्थापना दिवस मनाता है। यह बल सीमाओं की सुरक्षा करने के लिहाज़ से दुनिया का सबसे बड़ा सीमा बल है। वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के पश्चात् भारत के सामरिक रणनीतिज्ञों को एक विशेषीकृत बल की आवश्यकता महसूस हुई, जो बॉर्डर सुरक्षा व बॉर्डर मैनेजमेंट में निष्णात हो। इसी आवश्यकता के फलस्वरूप 1 दिसंबर, 1965 को, आम बोलचाल की भाषा में बीएसएफ के नाम से प्रसिद्ध सीमा सुरक्षा बल की स्थापना की गयी। अपनी स्थापना के बाद से, राष्ट्रीय सुरक्षा में बीएसएफ के योगदान की एक समृद्ध विरासत रही है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भारत का एक सीमा रक्षा संगठन है। यह एक अर्धसैनिक बल (CAPF: Central Armed Police Force - केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) है जिसे शांतिकाल के दौरान भारत की थल सीमाओं की सुरक्षा करने (विशेषकर पाकिस्तान और बांग्लादेश से सटी भारत की सीमाओं पर) और सीमा पार अपराधों को रोकने का काम सौंपा गया है। 1 दिसंबर, 1965 को स्थापित, यह राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने और भारत की सीमाओं पर शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बीएसएफ की स्थापना भारत-पाकिस्तान युद्ध का प्रत्यक्ष परिणाम थी। दरअसल, वर्ष 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, पाकिस्तान ने 9 अप्रैल, 1965 को कच्छ में सरदार पोस्ट, छार बेट और बेरिया बेट पर हमला किया। उस वक़्त इस पोस्ट की सुरक्षा का दायित्व प्रमुखतः राज्य सशस्त्र पुलिस का था। इस हमले के बाद सशस्त्र आक्रमण से निपटने में राज्य सशस्त्र पुलिस की अपर्याप्तता के कारण, युद्ध की समाप्ति के बाद, सरकार ने भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के उद्देश्य से सीमा सुरक्षा बल का गठन किया। इसके गठन की घोषणा तीसरे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने की।
भारतीय पुलिस सेवा से के एफ रुस्तमजी, को बीएसएफ के पहले महानिदेशक का कार्यभार सौंपा गया। खुसरो फ़रामुर्ज़ रुस्तमजी (K.F. Rustamji, IPS) को सीमा सुरक्षा बल बनाने के लिए पुलिस, सेना, नौसेना और वायु सेना में कार्यरत अधिकारियों और सैनिकों का चयन करने का काम सौंपा गया था। 25 बटालियन के साथ 1965 में स्थापित यह बल आज 192 बटालियन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा बल है।