नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए मां का दूध (Breast Milk) पोषण का प्राथमिक स्रोत है। नवजात शिशुओं के अलावा स्तनपान करवाना माता के स्वयं के स्वास्थय के लिए भी लाभप्रद माना गया है। स्तनपान को बढ़ावा देना के लिए विश्व भर में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ का आयोजन किया जाता है। आईये इस लेख के माध्यम से जानतें हैं ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ के विषय में।
विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week : WBW) 1990 में हुए ‘इनोसेंटी घोषणा’ की स्मृति में हर 1-7 अगस्त को मनाया जाता है। WBW की शुरुआत 1992 में हुई थी। घोषणा में स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों, महिलाओं और काम, ब्रेस्टमिल्क विकल्पों के विपणन के अंतर्राष्ट्रीय कोड, सामुदायिक समर्थन, पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, शिक्षा और मानवाधिकार सहित वार्षिक थीम शामिल थीं।
2016 से, WBW सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ जोड़ दिया गया। 2018 में, विश्व स्वास्थ्य असेंबली के एक प्रस्ताव ने WBW को एक महत्वपूर्ण स्तनपान प्रचार रणनीति के रूप में समर्थन दिया।
अगस्त 1990 में, सरकारी नीति निर्माताओं, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और अन्य संगठनों ने एक साथ मिलकर इनोसेंटी घोषणा पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य स्तनपान की रक्षा, प्रचार और समर्थन करना था। इनोसेंटी घोषणा की स्मृति में, तब से, हर साल 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। यह पहल स्तनपान को प्रोत्साहित करती है और इस बारे में जागरूकता फैलाती है कि कैसे माँ का दूध नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है।
दरअसल, स्तनपान को शिशुओं को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। डब्ल्यूएचओ (WHO) जन्म के एक घंटे के से शिशु के छह महीने का होने तक विशेष स्तनपान शुरू करने की सलाह देता है। पौष्टिक पूरक आहार और पानी के साथ स्तनपान को 2 साल की उम्र तक जारी रखा जा सकता है।
माँ का दूध नवजात बच्चे के लिए बहुत ही आवश्यक व लाभप्रद होता है। इसके साथ ही, स्तनपान करवाना माँ के स्वास्थ्य के लिए भी हितकर होता है।