हमारे सौर मंडल में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जहां पर जीवन संभव है। पृथ्वी पर मनुष्यों के साथ-साथ जीव-जंतु भी अपना जीवन यापन आसानी से कर सकते हैं। जीवन यापन के लिए पृथ्वी पर पीने के लिए पानी, सांस लेने के लिए ऑक्सीजन, खाने के लिए भोजन आदि सभी जरूरी चीजें उपलब्ध हैं। ये सभी चीजें प्राकृतिक संसाधन हैं, जिन्हें संरक्षित रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है। प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रख कर ही हम अपनी पृथ्वी को लंबे समय तक बचाकर रख सकते हैं।
विश्व पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत हुई। विश्व पृथ्वी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रकृति को होने वाले नुकसान से बचाकर रखना है। ये तो हम सभी देख रहे हैं कि प्रदूषण की मात्रा दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है, जिसका नकारात्मक प्रभाव सबसे ज्यादा पृथ्वी और प्राकृतिक संसाधनों पर पड़ रहा है। धीरे-धीरे जंगल नष्ट हो रहे हैं और नदियों का पानी सूख रहा है। पृथ्वी को बचाने के मकसद से ही विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।
विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले सैन फ्रांसिस्को से हुई। बता दें कि पृथ्वी पर बढ़ते संकट को देखते हुए वर्ष 1969 में सैन फ्रांसिस्को में यूनेस्को का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जहाँ इस बात की घोषणा की गई कि प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाएगा। इसके बाद वर्ष 1970 में पहला विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया।
इस बार विश्व पृथ्वी दिवस 2024 की थीम ‘ग्रह बनाम प्लास्टिक’ (Planet vs Plastics) पर आधारित है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक से फैल रहे प्रदूषण को कम करने के संदेश को जन-जन तक पहुंचना है। ताकि सब लोग प्लास्टिक व प्लास्टिक से बनी चीजों को अपने जीवन से धीरे-धीरे दूर करने का प्रयास करें, जिससे केंसर जैसी गंभीर बिमारियों से बचा जा सके।