'विश्व तंबाकू निषेध दिवस' हर साल 31 मई को मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगों को तंबाकू के खतरों के बारे में जानकारी देना और जागरूक करना है। हर साल दुनिया भर में लाखों लोग तंबाकू के सेवन की वजह से मरते हैं। जानिए वे कारण जिनके चलते इस दिवस को मनाने की शुरुआत हुई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया था। इसके पीछे कारण यह था कि उस समय तंबाकू के कारण होने वाली मौतों की संख्या किसी भी अन्य बीमारी की तुलना में बहुत अधिक थी। इस दिवस को विश्व स्तर पर मनाने का उद्देश्य लोगों को तंबाकू सेवन के खतरों और इसे रोकने के उपायों के बारे में जागरूक करना था। इस अवसर पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसके माध्यम से लोग इसके खतरों को समझ सकते हैं।
हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2024 में नो टोबैको डे 2024 का थीम है बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना।
तम्बाकू के हानिकारक प्रभाव केवल धूम्रपान करने वालों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि जो लोग इसके संपर्क में आते हैं, वे भी जोखिम में हैं। वे हृदय रोग, श्वसन रोग और कुछ प्रकार के कैंसर से भी प्रभावित हो सकते हैं। कुल मिलाकर, तम्बाकू का उपयोग शारीरिक स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाता है, जिससे मृत्यु दर में वृद्धि होती है और जीवन की गुणवत्ता कम होती है।
धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह हर सिगरेट के डिब्बे पर लिखा होता है। लेकिन इस चेतावनी के बाद भी लोग धड़ल्ले से सिगरेट का सेवन करते रहते हैं। धूम्रपान की वजह से लोग कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इससे होने वाली फेफड़ों की बीमारियों में क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों का कैंसर शामिल है। अगर आप भी तंबाकू से दूर रहना चाहते हैं और समझ नहीं पा रहे हैं कि इससे कैसे दूर रहा जाए तो हम आपको विशेषज्ञों द्वारा बताए गए कुछ टिप्स बता रहे हैं जो आपकी काफी मदद करेंगे।
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