होलिका दहन मुहूर्त:[दिल्ली]
बृहस्पतिवार, मार्च 13, 2025 11:26 PM - मार्च 14, 2025 12:30 AM
रंगों का त्यौहार होली भारतीयों का प्रमुख त्यौहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। उत्तर भारत में होली का त्यौहार 3 दिनों तक मनाया जाता है। दिवाली के बाद होली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। मान्यताओं के अनुसार इस त्यौहार की शुरुआत प्रहलादपुरी मंदिर, पाकिस्तान से हुई है। होलिका शब्द की उत्पत्ति प्रह्लाद की बुआ होलिका के नाम से हुई है।
होली के त्यौहार में होलिका दहन का विशेष महत्व है। होलिका दहन को छोटी 'होली', 'बसंत पूर्णिमा' और 'फाल्गुन पूर्णिमा' के नाम से भी जाना जाता है। होलिका दहन को दक्षिण भारत में 'दहन' के नाम से जाना जाता है। होलिका दहन सूर्यास्त के बाद किया जाता है। होलिका दहन के अगले दिन सूखे और गीले रंगों से होली खेली जाती है।
होलिका दहन के अगले दिन धुलण्डी मनाई जाती है। इस दिन गीली और सूखे रंगों के साथ ही पानी से भरी पिचकारियों के साथ खूब होली खेलते हैं। धुलण्डी को धुलेटी, धुलेती के नाम से भी जाना जाता है।
धुलण्डी के दूसरे दिन दूज मनाई जाती है। असल में ब्रज क्षेत्र में होली दो दिन खेली जाती है। दूसरे दिन की शाम को लोग नए वस्त्र पहनकर अच्छे से तैयार होते हैं और अपने रिश्तेदारों तथा दोस्तों से मिलने के लिए जाते हैं। इस दौरान मुहँ मीठा करने और कराने की भी रिवाज़ है।
'होली मिलन' की शुरुआत इसी परम्परा से हुई है। इस दिन को 'भाई दूज', 'भ्रात्रि द्वितीया' तथा 'दूजी' के नाम से भी जाना जाता है।
तारीख | उत्सव |
7 मार्च | बरसाना की लड्डू होली |
8 मार्च | बरसाना की लट्ठमार होली |
9 मार्च | नंदगांव और गांव रावल की रंग लट्ठमार होली |
10 मार्च | श्री कृष्ण जन्मस्थान और श्री बांके बिहारी जी मंदिर की फूल होली, साथ ही वृंदावन में रंगभरी एकादशी होगी खेली जाएगी |
11 मार्च | द्वारिकाधीश मंदिर की होली और गोकुल की छड़ीमार होली |
13 मार्च | गांव फालैन की होलिका दहन |
14 मार्च | पूरे ब्रज में धुलेंडी होली खेली जाएगी और द्वारकाधीश ब्रज में टेसू फूल, अबीर गुलाल की होली खेली जाएगी। |
15 मार्च | दाऊजी का हुरंगा, नंदगांव का हुरंगा, ग्राम जाब का हुरंगा, मुखराई का चरकुला |
16 मार्च | बठैन का हुरंगा, गिडोह का हुरंगा |
21 मार्च | महावन में छड़ीमार होली |
22 मार्च | वृंदावन में श्री रंग जी मंदिर की होली |
चैत्र माह के पांचवे दिन होली का त्यौहार मनाया जाता है। इस उत्सव को मनाने के पीछे अलग - अलग क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न कारण हैं। साथ ही यह त्यौहार अनेक विधियों से मनाया जाता है। ब्रज क्षेत्र में रंग पंचमी को 5 दिवसीय होली कार्यक्रम के समापन के रूप में मनाया जाता है। इंदौर में लोग खुद को विश्व प्रसिद्ध 'गेर' के रंग में रंग कर इस त्यौहार को मनाना पसंद करते हैं। होली के जश्न को इस तरह से माना के लिए 15 करोड़ लोगों का हुजूम एकत्रित होता है। वहीं महाराष्ट्र में इस पर्व को खूब धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से 'पूरनपोली' नामक व्यंजन बनाया जाता है।
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