नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) का जन्म 18 जुलाई 1918 - 5 दिसंबर 2013 एक दक्षिण अफ़्रीकी के रंगभेद विरोधी कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने दक्षिण अफ़्रीका के पहले राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। उन्होंने सखारोव पुरस्कार, भारत रत्न, लेनिन शांति पुरस्कार प्राप्त किये ।
नेल्सन ने अपनी शिक्षा के लिए एक लंबा रास्ता तय किया। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ Fort Hare और यूनिवर्सिटी ऑफ़ Witwatersrand से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद वे Johannesburg में एक वकील बने। यहां उनका परिचय अपार्थेड (जातिवाद) (apartheid) व्यवस्था से हुआ, जो दक्षिण अफ्रीका में काले और गोरे लोगों के बीच भेदभाव करती थी। नेल्सन मंडेला ने इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष की ठानी।
नेल्सन मंडेला ने 1943 में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (ANC) से जुड़ने का निर्णय लिया। 1948 में दक्षिण अफ्रीका में जातिवाद (अपार्थेड) नीति लागू हुई, जिसके तहत काले लोगों को कई अधिकारों से वंचित किया गया। मंडेला ने इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई और इसके विरोध में कई अभियान चलाए।
नेल्सन मंडेला को 1962 में गिरफ्तार किया गया और उन्हें अपनी पूरी जिंदगी के लिए कारावास में डालने की धमकी दी गई। हालांकि, मंडेला ने हार नहीं मानी और अपने संघर्ष को जारी रखा। 1964 में उन्हें रिवोनिया ट्रायल में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उन्होंने 27 साल तक जेल में रहते हुए भी अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी। इस दौरान वे एक प्रतीक बन गए, और दुनियाभर के लोग उनके संघर्ष से प्रेरित हुए।
नेल्सन मंडेला का स्वतंत्रता और राष्ट्रपति बनने का सफर साहस, संघर्ष और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ उन्होंने अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (ANC) के साथ संघर्ष शुरू किया।
1940 के दशक में मंडेला ने रंगभेद नीति के खिलाफ आंदोलन तेज किया। 1962 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और राजद्रोह के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उन्होंने 27 साल जेल में बिताए, जिसमें उनके विचारों ने और अधिक गहराई और मजबूती पाई।
1990 में रिहा होने के बाद उन्होंने शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक बदलाव का नेतृत्व किया। 1994 में दक्षिण अफ्रीका के पहले लोकतांत्रिक चुनाव में वे देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने। उनके नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीका ने समानता, न्याय और सुलह की दिशा में कदम बढ़ाए। मंडेला आज भी मानवाधिकार और स्वतंत्रता के प्रतीक माने जाते हैं।
नेल्सन मंडेला ने हमेशा शांति और सामंजस्य के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अपने आलोचकों को भी माफ किया और देश में एकता की भावना को प्रोत्साहित किया। उनके नेतृत्व में, दक्षिण अफ्रीका ने अपार्थेड के घावों को भरने की कोशिश की और एक समावेशी समाज की ओर बढ़े।
नेल्सन मंडेला का जीवन केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणा है। उन्होंने न केवल दक्षिण अफ्रीका, बल्कि पूरी दुनिया को यह सिखाया कि संघर्ष और सहनशीलता से किसी भी जुल्म को समाप्त किया जा सकता है। उनका जीवन आज भी हमें प्रेरित करता है और हमें यह याद दिलाता है कि बदलाव संभव है, यदि हम अपने लक्ष्य के प्रति सच्चे और समर्पित रहें।
नेल्सन मंडेला का निधन 5 दिसंबर 2013 को हुआ। उनकी मृत्यु पर पूरी दुनिया में शोक की लहर दौड़ पड़ी। लेकिन उनका जीवन, उनके विचार, और उनके संघर्ष हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे। उनकी विरासत आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।