राजीव गांधी एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत के सातवें प्रधान मंत्री थे। 1980 में अपने छोटे भाई संजय गांधी की असामयिक हत्या के बाद राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश किया। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्होंने 1984 से 1989 तक भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने और नौकरशाही और लालफीताशाही को कम करने के उद्देश्य से कई आर्थिक और तकनीकी सुधार पेश किए।
नाम | राजीव गाँधी |
जन्म | 20 अगस्त 1944 |
जन्म स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र |
पिता | फिरोज खान |
माता | इंदिरा गाँधी |
पेशा | पायलट |
महत्त्वपूर्ण पद | 7वें प्रधानमंत्री |
मृत्यु | 21 मई 1991 |
राजनीति में राजीव गांधी की कोई रूचि नहीं थी। एक एयरलाइन में पायलट की नौकरी करते थे। 1980 में अपने छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज दुर्घटना में असामयिक मृत्यु हो जाने के बाद माता श्रीमती इन्दिरा गाँधी जी को सहयोग देने के लिए सन् 1981 में राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश किया। 31 अक्टूबर 1984 को अंगरक्षकों द्वारा प्रधानमन्त्री इन्दिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के प्रधानमन्त्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमन्त्री बने रहे।
राजीव गांधी भारत में सूचना क्रान्ति के जनक माने जाते हैं. देश के कम्प्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रान्ति का श्रेय उन्हें जाता है। इसके साथ साथ ही स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं को 33% रिजर्वेशन दिलवाने का काम उन्होंने किया। मतदाता की उम्र 21 वर्ष से कम करके 18 वर्ष तक के युवाओं को चुनाव में वोट देने का अधिकार राजीव गांधी ने दिलवाया।
राजीव गांधी के जन्म दिन के अवसर पर 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। सद्भावना दिवस पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के द्वारा विशेष आयोजन होता है। देश भर में पार्टी सदस्य अपने पूर्व नेता राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देते है, उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते है। उनकी फोटो पर माल्यार्पण किया जाता है। दिल्ली में स्थित राजीव गाँधी के समाधी स्थल वीरभूमि में राजीव गाँधी का पूरा परिवार, करीबी मित्र, रिश्तेदार और कांग्रेस पार्टी के मुख्य लोग इक्कठे होते हैं, इसके अलावा देश के और भी दूसरी पार्टी के प्रमुख नेता भी राजीव गाँधी को श्रद्धांजली देने के लिए वहां जाते है।
उन्हें अक्सर भारत में कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने का श्रेय दिया जाता है, जिसने देश की तकनीकी प्रगति में योगदान दिया। हालाँकि, उनका कार्यकाल विवादों और चुनौतियों से भी भरा रहा, जिनमें भोपाल गैस त्रासदी, श्रीलंकाई गृहयुद्ध और शाह बानो मामला शामिल था। 1984 के सिख विरोधी दंगों ने उनकी छवि को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। तब इन्होंने कहा था "जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती तो हिलती ही है।"
21 मई 1991 को सुबह 10 बजे के करीब एक महिला राजीव गांधी के पांव छूने के लिए जैसे ही झुकी उसके शरीर में लगा आरडीएक्स फट गया और राजीव गांधी की मौत हो गई। उस समय राजीव तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदुर में चुनाव प्रचार के लिए गए थे। यह आत्मघाती हमला Libreation Tiger Of Tamil Elam (LTTE) ने किया था।