भारतवर्ष सदैव से ही ज्ञान-विज्ञान की धरती रहा है। आज भी DRDO हो चाहे BARC, ISRO हो या NTRO, इनकी उपलब्धियां देश को गौरवान्वित कर रही है। ये वैज्ञानिक उपलब्धियां अनेकों वैज्ञानिकों और गणितज्ञों की उपलब्धियों की नींव पर खड़ी है। ऐसे ही एक वैज्ञानिक हुए - सी.वी रमन के नाम से विख्यात चन्द्रशेखर वेंकटरमन।
सी.वी रमन (C.V. Raman) एक भारतीय भौतिक विज्ञानी थे। उन्हें सन् 1930 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
रमन का जन्म 7 नवंबर, 1888 को दक्षिणी भारत के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। उनके माता-पिता थे चन्द्रशेखर रामनाथन अय्यर और पार्वती अम्मल। उनके पिता गणित और भौतिकी के व्याख्याता थे, इसलिए वे शुरू से ही अकादमिक माहौल में डूबे रहे। उन्होंने 1902 में मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज में प्रवेश लिया और 1904 में बी.ए. पास किया। बी.ए. की इस परीक्षा में भौतिकी में उन्होंने प्रथम स्थान और स्वर्ण पदक जीता। वर्ष 1907 में उन्होंने सर्वोच्च विशिष्टता प्राप्त करते हुए एम.ए. की डिग्री प्राप्त की।
1907 में मद्रास विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंसी कॉलेज से भौतिकी में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद, रमन भारत सरकार के वित्त विभाग में एकाउंटेंट बन गए। हालाँकि उनके कार्यालय में उनका अधिकांश समय लगता था, लेकिन रमन को कलकत्ता में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस की प्रयोगशाला में प्रयोगात्मक अनुसंधान करने के अवसर मिले (जिसमें वे 1919 में मानद सचिव बने)।
1917 में उन्हें कलकत्ता विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर के रूप में अध्यापन किया। कलकत्ता में 15 वर्षों के बाद वे बैंगलोर में भारतीय विज्ञान संस्थान (1933-1948) IISc-B में प्रोफेसर बन गए, और 1948 में वे बैंगलोर में रमन इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च के निदेशक बने, जो स्वयं उनके द्वारा स्थापित किया गया था।
वर्ष 1930 में उन्हें प्रकाश पर किये गए शोध, जिसे बाद में ‘रमन इफ़ेक्ट’ कहा जाता है, के लिए ‘नोबेल प्राइज’ मिला। सन् 1954 में भारत सरकार की ओर से ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
1970 में प्रयोगशाला में काम करते समय उन्हें बड़ा दिल का दौरा पड़ा। 21 नवंबर, 1970 को उन्होंने रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में अपनी अंतिम सांस ली। सर चंद्रशेखर वेंकट रमन के कार्य व उपलब्धियां वर्तमान व भविष्य के वैज्ञानिकों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।
IMPORTANT DATES | |
November 7, 1888 | Birth, Tiruchchirāppalli (India) |
1904 | Obtained BSc degree in Physics, Presidency College, University of Madras, Chennai (India) |
1907 | Initially decided to pursue a non-scientific career, Indian Finance Department |
1907 | Obtained MA degree, Presidency College, University of Madras, Chennai (India) |
1918 | Palit Chair of Physics, University of Calcutta, Kolkata (India) |
1919 | Honorary Secretary, Indian Association for the Cultivation of Science, Kolkata (India). |
1922 | Published "Molecular Diffraction of Light" |
1924 | Fellow, Royal Society |
1928 | Discovered the Radiation Effect, now called the Raman Effect |
1929 | Knighted |
1930 | Awarded Nobel Prize in Physics "for his work on the scattering of light and for the discovery of the effect named after him" |
1933 – 1948 | Professor of Physics, Indian Institute of Science, Bangalore (India) |
1948 | Director and Founder, Raman Research Institute, Bangalore (India) |
1954 | He was awarded the Bharat Ratna |
1957 | Awarded by Lenin Peace Prize |
1970 | Death, Bangalore (India) |