शॉपिंग करने का अपना ही मज़ा है। फिर बात चाहे मॉल में घंटों घूमकर शॉपिंग करने की हो या घर बैठे फोन की स्क्रीन स्क्रॉल करने की हो शॉपिंग के दीवाने हर जगह शॉपिंग का लुत्फ़ उठाने से नहीं चूकते। कई बार ढेर सारी शॉपिंग पर हज़ारों लाखों रुपय खर्च करने के बाद भी कोई अफ़सोस नहीं होता लेकिन कई बार थोड़ी सी शॉपिंग करने पर अफ़सोस होता है। आपके शॉपिंग करने का अंदाज़ आपकी पर्सनैलिटी (Personality) के बारे में बताता है।
साइकोटिक शॉपर्स (Psychotic Shoppers)
इस कैटेगरी में उन लोगों को शामिल किया जाता है जो लोग बिना सोचे समझे शॉपिंग करते हैं। इसकी वजह से कई बार इन्हे फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स (Financial Problems) का सामना भी करना पड़ सकता है। यदि आप भी इस तरह शॉपिंग करते हैं तो आपको अपनी इस आदत को ज़रूर सुधार लेना चाहिए। इस आदत को बदलने का एक तरीका ये है कि आप अपने बैंक अकाउंट में ज़्यादा पैसे ना रखे। साथ ही आपको ऐसे दोस्तों से बचने की कोशिश करनी चाहिए जिनका नेचर शॉपिंग के मामले में आप जैसा ही हो।
नार्मल शॉपर्स (Normal Shoppers)
इस तरह के शॉपर्स बेस्ट होते हैं। ये शॉपिंग करने के साथ ही सेविंग करने के बारे में भी सोचते हैं। ऐसे शॉपर्स एक बार में बहुत सारी चीज़ें एक साथ खरीदने से बचते हैं। ऐसे शॉपर्स अपनी ज़रूरत के हिसाब से ही शॉपिंग करते हैं। इस केटेगरी में आने वाले शॉपर्स काफी समझदार माने जाते हैं।
प्रिमिटिव शॉपर्स (Primitive Shoppers)
इस केटेगरी में आने वाले लोग भी काफी खुराफाती होते हैं। इस तरह की पर्सनैलिटी वाले लोगों को जो भी चीज़ पसंद आती है वो उसे खरीद कर ही दम लेते हैं। उस वस्तु को खरीदने के लिए ऐसे लोग काफी ज़िद्दी बन जाते हैं। कई बार ये लोग अपने तनाव को दूर करने के लिए शॉपिंग को बेस्ट ऑप्शन मानते हैं। ऐसे में ये ऐसी चीज़ों को भी खरीद लेते हैं जिनकी इन्हे कोई ज़रूरत नहीं है।
न्यूरोटिक शॉपर्स (Neurotic Shoppers)
इस तरह के शॉपर्स भी काफी अच्छे माने जाते हैं। असल में इस तरह के शॉपर्स विंडो शॉपर्स (Window Shoppers) होते हैं,जो चीज़ों को खरीदना कम देखना ज़्यादा पसंद करते हैं। लेकिन इस तरह के लोग काफी समय बर्बाद करते हैं। इनके साथ शॉपिंग पर जाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। कई बार ऐसी पर्सनैलिटी के लोग हर दुकान पर जाकर सभी चीज़ों को देख तो लेंगे लेकिन घर लौटने पर इनके हाथ बिलकुल खाली होंगे।