आज के समय में डायबटीज़ एक ऐसी बीमारी है जिसका सामना बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर कोई कर रहा है। आज के समय में डायबटीज़ की समस्या एक बेहद आम बीमारी बन चुकी है। डायबटीज़ की बीमारी को मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है। शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ने पर डायबटीज़ की समस्या उत्पन्न होती है। डायबटीज़ की बीमारी की वजह से शरीर में कई तरह के अन्य रोग भी जन्म लेने लगते हैं, जिसकी वजह से स्वास्थ्य में और भी अधिक गिरावट आने लगती है। लेकिन इन सभी परेशानियों की वजह से डायबटीज़ के मरीज़ों को घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि कुछ छोटी - छोटी बातों का ध्यान रख कर और दालचीनी की चाय का सेवन करके आप डायबटीज़ को कंट्रोल कर सकते हैं।
डायबटीज़ को कंट्रोल करने के लिए आपको अपनी जीवनशैली के साथ ही अपने खान - पान में बदलाव करने की ज़रूरत है। इसके साथ ही आपको अपने भाग दौड़ भरे जीवन में थोड़ा समय एक्सरसाइज़ के लिए भी निकालना चाहिए। इंडियन डायबटीज़ फेडरेशन की जानकारी के अनुसार भारत में लगभग 7 करोड़ लोग डायबटीज़ के शिकार हैं।
अगर आप भी डायबटीज़ की समस्या से परेशान हैं तो आपको एक नज़र अपनी किचन में मौजूद एक मसाले पर भी डाल लेनी चाहिए। यह आपको सेहतमंद बनाए रखने में काफी मददगार साबित हो सकता है। दालचीनी खाने में स्वाद और खुशबू बढ़ाने के साथ ही आपको कई रोगों से मुक्ति भी दिलाता है। इससे मधुमेह के रोग को भी कंट्रोल किया जा सकता है।
दालचीनी में फ्लेवेनॉयड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-वायरल गुण मौजूद होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार दालचीनी टाइप - 2 डायबटीज़ और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर बनाए रखने में काफी मददगार साबित होती है। दालचीनी का सेवन डायबटीज़ से जुड़ी अन्य बीमारियों जैसे अल्ज़ाइमर, दिल की बीमारी को कम करने में भी काफी मददगार साबित होती है। दालचीनी की चाय का सेवन अगर ग्रीन टी में मिलकर किया जाए तो इसका फायदा दुगना हो जाता है।
दालचीनी की चाय बनाना बहुत आसान है। इसके लिए आपको एक कप पानी, दालचीनी पाउडर और दालचीनी स्टिक की ज़रूरत है। इस एक कप पानी में दालचीनी पाउडर और दालचीनी स्टिक डालकर अच्छे से उबाले और उबालने के बाद गैस को बंद कर दें। इसके बाद इस पानी में ग्रीन टी मिलाकर इसे 2 से 3 मिनट के लिए पानी को ढककर छोड़ दें। थोड़ी देर बाद चाय के पानी को छान लें। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपको ग्रीन टी को ज़्यादा देर के लिए नहीं उबालना है। आप इस चाय को सुबह के समय या मिड मॉर्निंग ड्रिंक की तरह पी सकते हैं। आपको इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।