बच्चों के खेल-कूद की बजाय मोबाइल व लैपटाप पर ज्यादा समय बिताने का असर उनकी आंखों पर पड़ रहा है। यानी उनकी आंखें कमजोर हो रही हैं और देखने की क्षमता लगातार कम हो रही है।
एक नए अध्ययन में सामने आया है कि वर्तमान में दुनिया में करीब एक तिहाई बच्चे और किशोर निकट दृष्टि दोष से पीड़ित हैं। इसकी वजह से दूर की चीजें देखने में कठिनाई होती है। आशंका है कि अगले 26 वर्षों में इस समस्या से जूझ रहे बच्चों की संख्या बढ़कर 74 करोड़ तक पहुंच जाएगी। यह अध्ययन ब्रिटिश जर्नल आफ आप्थल्मोलाजी में प्रकाशित हुआ है।
निकट दृष्टि दोष आंखों से जुड़ी समस्या है। इससे पीड़ित व्यक्ति को दूर की चीजे धुंधली दिखाई देती हैं। इस विकार में आंखों के कार्निया का आकार बदल जाता है। नतीजन जब रोशनी आंखों में प्रवेश करती है, तो वह रेटिना पर केंद्रित होने के बजाय, रेटिना से थोड़ा आगे केंद्रित हो जाती है। इससे छवि स्पष्ट न होकर धुंधली दिखने लगती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोविद 19 महामारी के दौरान हुए लाकडाउन ने स्थिति को और बदतर बना दिया है, क्योंकि इसकी वजह से बच्चे स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने लगे हैं, जबकि उनके बाहर खेलने-कूदने का समय कम हो गया है।
इस नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 276 अध्ययनों से जुड़े आंकड़ों को शामिल किया है। इनमें 50 देशों के 54 लाख से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया। अध्ययन में शामिल इन बच्चों और किशोरों की आयु पांच से 19 वर्ष के बीच थी। इनमें से 19.7 लाख निकट दृष्टि दोष से पीड़ित पाए गए। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह विकार सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चिंता बनकर उभरा है। खासकर एशिया में यह समस्या कहीं ज्यादा गंभीर है। एशियाई देशों जैसे जापान, दक्षिण कोरिया में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। जापान में जहां 85 फीसद बच्चे निकट दृष्टि दोष से पीड़ित हैं, वहीं दक्षिण कोरिया में यह आंकड़ा 73 फीसदी दर्ज किया गया है।
इसी तरह चीन और रूस में 40 फीसदी से ज्यादा बच्चे इस विकार से पीड़ित हैं। अध्ययन के मुताबिक, 1990 से 2023 के बीच बच्चों में निकटदृष्टि दोष के मामले तीन गुना बढ़े हैं। 1990 से 2000 के बीच पीड़ितों की संख्या 24 फीसद से बढ़कर 2011-19 में 30 फीसद और 2020-23 के बीच 36 फीसद तक पहुंच गई है। ऐसे में आज दुनिया का हर तीसरा बच्चा इस समस्या से जूझ रहा है। अध्ययन में अंदेशा जताया गया है कि 2050 तक यह समस्या दुनिया के 74 करोड़ बच्चों को शिकार बना सकती है।
नए अध्ययन के मुताबिक, निकट दृष्टि दोष आमतौर पर बचपन में विकसित होता है और उम्र के साथ स्थिति और बिगड़ती जाती है। इसके कारणों पर नजर डालें तो कभी जहां बच्चे खुली हवा में खेला-कूदा करते थे, वे अब अपना ज्यादा समय बंद कमरों में मोबाइल, लैपटाप व टेलिविजन स्क्रीन के सामने बिता रहे हैं।