24 अक्टूबर 2022 सोमवार को पूरे भारत में दिवाली का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाने वाला
है। दिवाली रोशनी से भरा त्योहार है जिसमें लोग अपने घरों को दीए, रंगोली और लाइटिंग करके खूब
सजाते हैं। लेकिन ये त्योहार दिया जलाकर और पटाखे फोड़कर सेलिब्रेट किया जाता है। इसलिए दिवाली
के आस-पास के समय में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कई गुना बढ़ जाता है जिससे अस्थमा के
मरीजों को सांस लेने में दिक्कत की संभावना बढ़ जाती है।
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें सांस नलिकाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए अस्थमा के मरीज
खांसी, नाक बंद या बहना, छाती का कड़ा होना, रात और सुबह के समय सांस लेने में तकलीफ की
समस्याओं के जल्दी शिकार हो जाते हैं। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं
जिनको अपनाकर आप दिवाली के टाइम पटाखों के धुएं से होने वाले इंफेक्शन से खुद को बचा सकते हैं,
तो चलिए जानते हैं कैसे-
अस्थमा के मरीज बरतें ये सावधानियां
अधिक गर्म कपड़े पहनकर रखें
ठंडी तासीर की चीजें खाने से बचें।
धूप निकलने के बाद योग या एक्सरसाइज जरूर करें।
शरीर को गर्मागहट प्रदान करने के लिए गर्म पानी या गर्म आहार का सेवन करें।
सुतली बम फोड़ने से परहेज करें। अस्थमा के मरीज बम पटाखों से दूरी बनाएं। इससे बच्चों के कान का
पर्दा तक फट सकता है।
चकरी और अनार क्रेकर से एलर्जी, दमा के मरीजों और बच्चों को बचने की आवश्यकता है।
अस्थमा के मरीज अपना इन्हेलर हमेशा अपने पास ही रखें।
पंखे या एसी के बिलकुल करीब न बैंठें।
धूल भरी जगह पर खुद को जाने से बचाएं।
बाहर और घर के बदलते तापमान से सावधान रहें।
ज्यादा गर्म और ज्यादा नम तापमान में जाने से बचें।
आंधी और तूफान में घर से बिल्कुल बाहर ना निकलें ।
अस्थमा को कंट्रोल करने के लिए अपनी दवाएं हमेशा अपने साथ ही रखें ।
आप अपने पास हमेशा हवा से बचने के लिए स्कार्फ रखें।