पंजाब में होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है ?

पंजाब में होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है ?
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How is the Holi festival celebrated in Punjab?

भारत त्यौहारों का देश है। यहाँ सभी त्यौहारों को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। भारत देश में मनाएं जाने वाले तमाम त्यौहारों में होली एक महत्वपूर्ण त्यौहार है।

देश के अलग – अलग राज्यों में होली का त्यौहार काफी अलग – अलग तरीकों से मनाया जाता है। पंजाब राज्य में होली का रंग बहुत निराला है। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली का त्यौहार प्रह्लाद और होलिका को समर्पित है। होलिका और प्रह्लाद की कहानी को आधार मानकर ही रंग भरी होली से पहले होलिका दहन किया जाता है। लेकिन पंजाब में इस त्यौहार का सम्बन्ध गुरु गोबिंद सिंह जी से है। पंजाब में होली के त्यौहार को होला मोहल्ला के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस त्यौहार को पंजाब में किस तरह से मनाया जाता है ?

होला मोहल्ला क्या है ? | What is Hola Mohalla?

आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला का त्यौहार 6 दिनों तक मनाया जाता है। होला मोहल्ला मनाने की परम्परा गुरु गोबिंद सिंह जी की समय से चली आ रही है, जिन्होंने पहली बार इसका आयोजन आनंदपुर स्थित चेट वाड़ी में किया था। 1700 में निनहोगरा के युद्ध के बाद ऐसा साम्राज्यी शक्ति की प्रतिक्रिया के विरोध में किया गया था। पंजाब में होला मोहल्ला के त्यौहार को मनुष्यता का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि इसे बहादुरों की होली के नाम से भी जाना जाता है।

होला मोहल्ला का मतलब है युद्ध कौशल का अभ्यास। ऐसा करते हुए वह आने उत्साह को दर्शाते हैं। पूरे भारत देश की तुलना में पंजाब में होली का त्यौहार एक दिन पहले मनाया जाता है और फिर अगले दिन पूरा पंजाब होली के रंगों में डूब जाता है। हम आपको बता दें कि होला मोहल्ला का त्यौहार पंजाब में मनाया जाता है लेकिन रंगों और पानी से मनाए जाने वाले इस त्यौहार को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

होली का त्यौहार पंजाब में कैसे मनाया जाता है ? | How is the Holi festival celebrated in Punjab?

पंजाब में होली के दिन बड़े बुज़ुर्गों के प्रति आदर सम्मान को व्यक्त करने के लिए उनके पैरों पर रंग डाला जाता है और बदले में बड़े बुज़ुर्ग अपने बच्चों के सिर और मुहँ पर रंग लगाकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं। पंजाब के बड़े शहरों जैसे लुधियाना, चंड़ीगढ़ और पटियाला इत्यादि में होली वाले दिन बड़ी पार्टीज़ का आयोजन किया जाता है।

दोस्त और रिश्तेदार एक दूसरे के घर जाकर इस दिन होली की शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन बनाई जाने वाली खास डिशेज़ की बात करें तो इस दिन कुछ पारम्परिक व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे मालपुआ, लड्डू, गुजिया और मीठी पूड़ी। आनंदपुर साहिब के होला मोहल्ला की दुनिया में विशेष पहचान है।

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