इस बार संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने की सम्भावना है। यदि मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो संसद का मानसून सत्र जुलाई के तीसरे सप्ताह में शुरू होगा। करीब एक महीने तक चलने वाले इस मानसून सत्र में लगभग 20 बैठकें हो सकती है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मीडिया को बताया है कि 23 दिन तक चलने वाले इस सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी। सरकार की तरफ से उन्होंने सभी पार्टियों से सत्र के दौरान संसद के विधायी और अन्य कामकाज में रचनात्मक योगदान देने की अपील की है। इस बार के मानसून सत्र में संसद में कई सारे अहम बिल कानून की शक्ल अख़्तियार कर सकतें हैं।
वैसे तो इस बार कई विधेयक संसद के पटल पर रखे जायेंगें, किन्तु कुछ प्रमुख विधेयकों में डेटा संरक्षण विधेयक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) अध्यादेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) अध्यादेश, विधेयक वन (संरक्षण) अधिनियम के पारित होने की संभावना अत्यंत प्रबल है। हालाँकि अटकलें सामान नागरिक संहिता (UCC) के आने की भी लगाई जा रही है।
व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के उद्देश्य से डेटा संरक्षण विधेयक को इस बार के संसद के सत्र में पेश किया जा सकता है। प्रस्तावित कानून से स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर दूरगामी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023, 19 मई, 2023 को प्रख्यापित किया गया था। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करता है। यह अधिनियम विधान सभा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार के कामकाज के लिए रूपरेखा प्रदान करता है।
विधेयक वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करता है ताकि इसे कुछ प्रकार की भूमि पर लागू किया जा सके। इनमें भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत या 1980 अधिनियम लागू होने के बाद सरकारी रिकॉर्ड में जंगल के रूप में अधिसूचित भूमि शामिल है। यह अधिनियम 12 दिसंबर, 1996 से पहले गैर-वन उपयोग में परिवर्तित भूमि पर लागू नहीं होगा।
अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023, 15 मार्च, 2023 को लोकसभा में पेश किया गया था। यह अंतर-सेवा संगठनों के कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड को कार्य करने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करता है। उनके अधीन सेवा कर्मियों पर अनुशासनात्मक या प्रशासनिक नियंत्रण, चाहे उनकी सेवा कुछ भी हो।
भारत की संसद भारत गणराज्य की सर्वोच्च विधायी संस्था है। देश को चलने के लिए क़ानून बनाने का काम इसी संस्था के द्वारा किया जाता है।
भारत की संसद वस्तुतः एक द्विसदनात्मक विधायिका है जो भारत के राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनी है : राज्यसभा और लोकसभा।
भारत की संसद के मुख्यतः तीन प्रमुख सत्र होते हैं - बजट सत्र, मॉनसून सत्र और शीतकालीन सत्र। आमतौर पर मॉनसून के सीजन का सत्र सबसे छोटा होता है। जुलाई से सितंबर के बीच होने वाले मॉनसून सत्र के समय देश में मॉनसूनी बारिश हो रही होती है इसीलिए इसे मॉनसून सेशन कहा जाता है।