50 साल बाद महिला अंतरिक्ष यात्री पहुंचेंगी चाँद के करीब

चाँद के करीब पहुंचना या चाँद पर पहला कदम रखना मानव की बड़ी उपलब्धियों में शुमार है। ऐसा इसलिए क्योंकि चाँद पृथ्वी से कोसों दूर है जहाँ पहुँचने के लिए विशेष उपकरणों से लैस अंतरिक्षयान की आवश्यकता होती है। चाँद पर पहुँचने के मामले में नासा काफी आगे रहा है। इस बार भी नासा ने मानव के चाँद पर पहुँचने के 50 साल बाद मून मिशन का ऐलान कर दिया है। इसके लिए 4 अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया गया है जिनमें महिला यात्री क्रिस्टीना हेमलॉक कोच भी शामिल हैं। इनके आलावा विक्टर ग्लोवर पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री होंगे जो चाँद पर कदम रखेंगे। जानकारी के अनुसार नासा 2025 में इस अंतरिक्ष मिशन को लॉन्च कर सकता है। अंतरिक्ष यात्रियों में रिड विसमैन और जेरेमी हेनसेन नामक दो व्यक्ति भी शामिल हैं।

आपको बता दें अब तक केवल पुरुष यात्री ही चाँद की कक्षा या सतह तक पहुंचे थे। पहली बार ऐसा हो रहा है कि महिला अंतरिक्ष यात्री चाँद की कक्षा तक पहुँचेंगी। यह मिशन 10 दिनों का होगा। इस दौरान सभी अंतरिक्ष यात्री चाँद के चारों और चक्कर लगाएंगे। वह चन्द्रमा की सतह पर नहीं उतरेंगे।

इस मिशन के कोच ने मिशन के बारे में कहा है "यह हमारे लिए गर्व की बात है। मुझे लगता है यह मिशन अपने आप में शानदार है। हम दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट में सवार होने जा रहे हैं। पहले यह हज़ारों मील की ऊंचाई पर जाएगी और सारे सिस्टम को चेक किया जाएगा। इसके बाद यह चाँद की ओर रवाना हो जाएगी।" इससे पहले नासा ने 1972 में अपोलो मिशन लॉन्च किया था। इसके बाद दुबारा कोई इन्सान चाँद पर नहीं उतरा।