टेक्सास में बजरंग बली की 90 फीट ऊँची मूर्ति – 90 feet high statue of Bajrang Bali in Texas. 

सनातन धर्म का परचम पूरे विश्व में फहरा रहा है। इसका बड़ा उदाहरण अमेरिका में स्थापित 90 फीट ऊंची बजरंगबली की मूर्ति है। अमेरिका के टेक्सास में स्थापित यह कांस्य की मूर्ति मीलों दूर से दिखाई देती है। भगवान राम और माता सीता को फिर से मिलाने में हनुमान जी की अहम भूमिका को लेकर मूर्ति को 'स्टैच्यू आफ यूनियन' नाम दिया गया है। भारत के बाहर यह सबसे ऊंची हनुमान जी की मूर्ति है। यह अमेरिका में तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति है। न्यूयार्क की 151 फीट ऊंची स्टैच्यू आफ लिबर्टी और फ्लोरिडा स्थित 110 फीट ऊंची पेगासस और ड्रैगन ही इससे बड़ा है।

'स्टैच्यू आफ यूनियन' का 18 अगस्त को भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ अनावरण किया गया। समारोह के दौरान हेलीकाप्टर से मूर्ति पर फूल बरसाए गए, पवित्र जल छिड़का गया और हनुमान जी के गले में 72 फीट लंबी माला डाली गई। इस दौरान हजारों भक्त एक स्वर में श्री राम और हनुमान के नाम का जाप कर रहे थे। 

आयोजकों ने कहा कि यह प्रतिमा न केवल भगवान हनुमान को अदम्य भावना के प्रतीक के रूप में बल्कि अमेरिका के साँस्कृतिक और आध्यात्मिक परिदृश्य में एक नए मील के पत्थर के रूप में भी खड़ी है। यह इसकी भव्यता देखने आने वाले सभी लोगों के लिए भक्ति, शक्ति और एकता के सिद्धांतों का प्रतीक है।

प्रतिमा का वर्णन करते हुए, वेबसाइट कहती है, "टेक्सास के शुगर लैंड में श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में स्थित, पंचलोहा अभय हनुमान 90 फीट ऊंचे होंगे - जो परोपकार, शक्ति और आशा का संचार करेंगे। संघ की प्रतिमा एक आध्यात्मिक केंद्र बनाने के बारे में है जहाँ दिलों को सांत्वना मिलती है, दिमाग को शांति मिलती है, और आत्माएँ उत्थान का मार्ग खोजती हैं।"

इसमें आगे कहा गया है, "आइए उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा के सपने को साकार करें और साथ मिलकर प्रेम, शांति और भक्ति से भरी दुनिया का निर्माण जारी रखें।"

हनुमान जी की पूजा आम तौर पर भगवान को समर्पित मंदिरों में या राम को समर्पित मंदिरों में सहायक व्यक्ति के रूप में की जाती है। हनुमान जी की कहानी दशकों से विभिन्न संस्कृतियों द्वारा अपनाई गई है। हालाँकि, सबसे पुरानी कहानी ऋषि वाल्मीकि की संस्कृत रामायण में पाई जाती है।

इसलिए स्टैच्यू आफ यूनियन - Hence the Statue of Union 

'स्टैच्यू आफ यूनियन' आधिकारिक वेबसाइट (statueofunion.org) पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह मूर्ति शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ सेबा का प्रतीक है। हनुमान जी ने श्रीराम को माता सीता से मिलवाया था और इसलिए प्रतिमा का नाम स्टैच्यू आफ यूनियन रखा गया है।