बिहार में नीतीश कुमार ने राजद के साथ महागठबंधन कर नई सरकार बनाई. जिसके बाद बिहार
की राजनीति देशभर में एवं मुद्दा बन गया है. बिहार के नए गठबंधन की सरकार 16 अगस्त को
कैबिनेट विस्तार किया जिसके बाद से बिहार में हड़कंप मचा हुआ है. बाहुबली आनंद मोहन पर
बवाल खत्म नहीं हुआ था कि बिहार के नए बने कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह लेकर बवाल शुरू
होगा. राजद पक्ष के मंत्री कार्तिकेय सिंह अरेस्ट वारंट जारी किया गया. बिहार के नए कानून मंत्री
के ऊपर अपहरण का अरेस्ट वारंट जारी किया गया है. कल मंत्री को दानापुर कोर्ट में सरेंडर
करना था लेकिन वह राजभवन शपथ के लिए पहुंच गए थे. जिसके बाद से बिहार की
राजनीतिक गरमाई हुई है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले पर बात करने से साफ-साफ इंकार कर दिया.
उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं थी.
ये मामला साल 2014 का है, जिसमें पटना के बिहटा थाने में राजीव रंजन का 2014 में
अपहरण हुआ था। इस मामले में कार्तिक कुमार पर अपहरण का केस दर्ज हुआ था। बिहटा थाने
में उनके साथ 17 अन्य लोग भी आरोपित हैं, जिनमें पूर्व विधायक अनंत सिंह और बंटू सिंह भी
शामिल हैं।
इस मौके पर बीजेपी भी पीछे नहीं हटी और सरकार को गिरते हुए नीतीश कुमार पर हमला
बोला. बिहार बीजेपी नेता सुशील मोदी ने नीतीश को देखते हुए कहा इनको सभी बातों की
जानकारी थी. इस घटना में नीतीश कुमार की जिम्मेदारी है. नीतीश के ही कहने पर हुआ.