दिल्ली में तेज़ हवाओं के साथ तेज़ रफ़्तार से बढ़ रहा प्रदूषण

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अक्सर अधिक ही रहता है। ऐसे में दिल्ली वालों को शुद्ध हवा में सांस लेने का मौका कम ही मिलता है। दिसंबर और जनवरी के महीने में दिल्ली का प्रदूषण पीक पर होता है। इन महीनो में अक्सर ऐसा देखा गया है कि तेज़ हवा चलने के बाद दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Pollution) का स्तर कम होने लगता है। लेकिन इस बार के हालात तो कुछ और ही कहते हैं।

राजधानी दिल्ली में रविवार को तेज़ हवाएं चलने के बावजूद भी प्रदूषण का स्तर काफी अधिक रहा। इससे अभी भी राहत मिलने के कोई आसार नहीं दिखाई देते। अभी भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी (341) में बना हुआ है। मौसम एजेंसी सफर के मुताबिक़ आने वाले तीन दिनों तक प्रदूषण इसी श्रेणी में रहने वाला है।

रविवार को दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका एनएसआइटी द्वारका (NSIT Dwarka) रहा। यहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक 385 दर्ज किया गया। वहीं डीटीयू (DTU) में प्रदूषण का स्तर सबसे कम रहा। यहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 208 दर्ज किया गया। सफर से प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़ रविवार के दिन उत्तर पश्चिम दिशाओं से तेज़ हवाएं चली। वहीं दिल्ली में सतही हवा की रफ़्तार 8 से 14 किलोमीटर के बीच दर्ज की गई।

छोटे कड़ों की भूमिका दिल्ली में 52% रही। वहीं सोमवार को भी दिल्ली में तेज़ हवाएं चलने का अनुमान लगाया गया है। संभावना जताई जा रही है कि दिल्ली में अगले तीन दिनों तक वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में ही बना रहेगा।

राजधानी के इन इलाकों में है सबसे ज़्यादा प्रदूषण
एनएसआईटी - 385
जहांगीरपुरी - 364
आनंद विहार - 361
मुंडका - 352
नेहरू नगर - 348
वजीरपुर - 347
विवेक विहार - 342

राजधानी के कम प्रदूषित इलाके
डीटीयू - 208
इहबास - 217
लोधी रोड - 219
चांदनी चौक - 221
आया नगर - 225

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बिजली की मांग में होगी बढ़ोतरी
दिल्ली में बढ़ती ठण्ड के चलते बिजली की मांग में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 5500 मेगावॉट तक पहुँच सकती है। इस बीच ठण्ड बढ़ने के साथ ही टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड व बीएसईएस भी अपने उपभोक्ताओं के लिए बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।