देश को मिलने वाला है रैपिड रेल का तोहफा, कामयाब रहा ट्रायल

देश में रैपिड रेल की शुरुआत जल्द ही होने वाली है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट सिस्टम (National Capital Region System) ने रैपिड रेल ट्रायल (Rapid Rail Trial) को अंतिम दौर में पहुंचाने में एहम भूमिका निभाई है। मंगलवार को रैपिड ट्रेन का स्लो स्पीड ट्रायल (Slow Speed Trial) किया गया। इसे ड्रोन के ज़रिए तस्वीरों में कैद किया गया है। इस ट्रायल को दुहाई डिपो से निर्माणाधीन गाज़ियाबाद स्टेशन के पास तक किया गया है। इस परीक्षण में ट्रेन की रफ़्तार को 5 किलोमीटर से 25 किलोमीटर प्रतिघंटा रखा गया था। इस दौरान ट्रेक और ट्रैकशन के परीक्षण के लिए ट्रेन को दुहाई स्टेशन से गुलधर स्टेशन तक ले जाया गया। ट्रेन को चलाने के दौरान ट्रेन ऑपरेटर ने ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम (TCMS, टीसीएमएस) के तहत मैनुएल तरीके से इस्तेमाल किया गया है।

देश में पहली रैपिड रेल मार्च के महीने से चलने वाली है। जून 2025 तक रैपिड रेल की सुविधा से दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक का सफर 50 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। साहिबाबाद से गाजियाबाद के दुहाई के 17 किलोमीटर पर रैपिड रेल 160 किलोमीटर प्रति घंटे से रफ्तार भरती नजर आएगी। इस रूट को तैयार कर रहे NCRTC यानी नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट सिस्टम ने ट्रायल की प्रक्रिया में काफी तेजी से काम करना शुरू कर दिया है।

ट्रेन के लुक के बात की जाए तो इसका लुक बुलेट ट्रेन से काफी मिलता जुलता हो सकता है। इसके रफ़्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटा होगी लेकिन आम जनता इसमें 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से ही सफर कर पाएगी। इसकी सीट्स भी काफी कम्फर्टेबल होंगी। दिल्ली मेरठ कॉरीडोर (Delhi - Meerut Corridor) की कुल लम्बाई 82 किमी है जिसमें 14 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में है, जबकि 68 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है।

रैपिड रेल का सफर बेहद आरामदायक होने वाला है। सीट के साइड में आपको चार्जिंग स्टेशन (Charging Station) की सुविधा मिलेगी। 2/2 की तर्ज पर इसकी सीटें कुशिओं वाली होंगी जो आपके सफर को बेहद आरामदायक बनाएंगी।