दिवाली की रात होने वाली आतिशबाजी का असर पूरे भारत में दिखाई देता है। सोमवार सुबह ही दिल्ली-एनसीआर में धुंध की घनी चादर देखने को मिली। हालांकि, यह स्थिति सिर्फ इसी इलाके तक सीमित नहीं है, बल्कि दिवाली के बाद प्रदूषण का यह असर कई अन्य शहरों में भी देखने को मिल रहा है। इनमें मुंबई और कोलकाता जैसे मेट्रो शहर भी शामिल हैं। दोनों शहरों में सुबह ही कोहरा छाया रहा।
भारत में वास्तविक समय में AQI की जानकारी देने वाली वेबसाइट AQI.in के मुताबिक, दिवाली के बाद भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली का नाम है, लेकिन यह दूसरे स्थान पर है। पहले नंबर पर बिहार की राजधानी पटना है, जहां सुबह औसत AQI 572 दर्ज किया गया। वहीं, दूसरे स्थान पर दिल्ली का AQR 468 रहा। दिल्ली के पड़ोस में स्थित उत्तर प्रदेश के नोएडा का AQI 410 यानी बेहद खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया। वहीं, यूपी के गाजियाबाद में AQI 400 से ऊपर है. वहीं, हरियाणा के रोहतक में AQI 380 के आसपास दर्ज किया गया। देश के टॉप-5 प्रदूषित शहरों में तीन शहर दिल्ली-एनसीआर के हैं।
वहीं, भारतीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, भारत के मेट्रो शहरों की हालत भी प्रदूषण के कारण काफी खराब है। मुंबई के ज्यादातर इलाकों में AQI औसतन 200 के आसपास रहता है। यहां सुबह दिल्ली की तरह धुंध की चादर बिछी नजर आई। वहीं, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के छह एक्यूआई स्टेशनों में से पांच में औसत एक्यूआई 200 से अधिक दर्ज किया गया है। इन मेट्रो शहरों के अलावा कर्नाटक के बेंगलुरु में हवा की गुणवत्ता सबसे अच्छी रही है। यहां AQI अच्छी से मध्यम श्रेणी (70-120) में था।
अगर पूरे भारत के औसत AQI की बात करें तो दिवाली के बाद इसका आंकड़ा 182 तक पहुंच गया है। जो हवा की खराब गुणवत्ता को दर्शाता है। फिलहाल भारत में पीएम 2.5 कणों का औसत 106 है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक से 7.1 गुना ज्यादा है। वहीं, देश में पीएम-10 के औसतन 151 कण वायुमंडल में मौजूद हैं, जो सामान्य से कहीं ज्यादा है।