दिल्ली के मेट्रो फेज 4 में बिजली का उत्पादन किया जाएगा, 27 स्टेशन पर बिजली सौर ऊर्जा, जानते है क्या है पूरी ख़बर

मेट्रो फेज चार में बन रहे स्टेशन यात्रियों के सफर को आसान बनाने के साथ-साथ सालाना एक करोड़ यूनिट
बिजली का उत्पादन भी करेंगे। मेट्रो फेज चार के सभी 27 एलिवेटेड स्टेशन पर सौर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र लगाने जा
रही है। मंजूर तीनों नेटवर्क पर परिचालन शुरू होने के बाद सालाना 21.8 करोड़ यूनिट खर्च आएगा, जिसमें करीब
पांच फीसदी बिजली खुद स्टेशनों पर लगे सौर ऊर्जा संयंत्र से मिलेगी।

बतादें कि फेज चार के तीनों नेटवर्क पर परिचालन 2025 तक शुरू हो जाएगा। इस पूरे नेटवर्क की कुल लंबाई
65.10 किलोमीटर है। इनपर कुल 45 मेट्रो स्टेशन बनेंगे, जिसमें 27 एलिवेटेड और 18 भूमिगत होंगे। सभी
एलिवेटेड स्टेशनों को मिलाकर 10 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे। मेट्रो का कहना है
कि स्टेशनों पर यह सौर ऊर्जा का उत्पादन परिचालन शुरू होने के पहले दिन से ही होगा। ज्यादा से ज्यादा बिजली
उत्पादन के लिए डिजाइन में थोड़ा बदलाव किया गया है। जैसे छत पर आने जाने के लिए स्टेशनों पर स्थायी सीढ़ी
की सुविधा होगी, जिससे समय-समय पर उसकी सफाई हो सके।

2031 तक आधी बिजली सौर ऊर्जा से मेट्रो ने 2031 तक अपने कुल बिजली खपत में से 50 फीसदी की जरूरत
सौर ऊर्जा से करने का लक्ष्य रखा है। मेट्रो परिचालन में सबसे ज्यादा खर्च बिजली पर होता है। मौजूदा 391
किलोमीटर नेटवर्क पर परिचालन के लिए रोजाना 30 लाख यूनिट की जरूरत पड़ती है। इसमें दिल्ली मेट्रो करीब
35 फीसदी सौर ऊर्जा का प्रयोग करती है। बिजली कंपनियों से 20 लाख यूनिट मिलती है, बाकी करीब 10 लाख
यूनिट सौर ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों से मिलता है। इसमें नौ लाख यूनिट मध्य प्रदेश के रीवा सोलर पावर प्लांट से
आता है, जबकि एक लाख यूनिट दिल्ली मेट्रो अपने मौजूदा स्टेशनों और डिपो की छत पर लगे सौर ऊर्जा संयंत्र से
प्राप्त करता है।

एक चौथाई के करीब काम पूरा दिल्ली मेट्रो में बन रहे तीन कॉरिडोर पर अब तक 24 फीसदी से ज्यादा काम पूरा
हो चुका है। इसमें मौजपुर से मजलिस पार्क (12.55 किलोमीटर) का 27 फीसदी काम पूरा हो चुका है।