फर्जी डॉक्टर ने किया हार्ट का ऑपरेशन, 7 की मौत, सरकार को भी नहीं पता देश में कितने ऐसे डॉक्टर

Harsh
फर्जी डॉक्टर ने किया हार्ट का ऑपरेशन, 7 की मौत, सरकार को भी नहीं पता देश में कितने ऐसे डॉक्टर

मध्य प्रदेश में दमोह के मिशन अस्पताल में लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एनजोन केम के नाम पर फर्जी डॉक्टर ने ढाई महीने में 15 हार्ट ऑपरेशन कर दिए। बताया जा रहा है कि इनमें से 7 मरीजों की मौत हो चुकी है। मामला सामने आते ही फर्जी डॉक्टर फरार हो गया। मेडिकल फर्जीवाड़े का यह कोई पहला मामला नहीं है। 2023 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक घटना देखने को मिली थी, जहां झोलाछाप डॉक्टर की गलत प्रैक्टिस की वजह से 33 लोग एचआईवी पॉजिटिव हो गए।

WHO का दावा-भारत में आधे डॉक्टर फर्जी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत के आधे से अधिक डॉक्टर फर्जी हैं। 2018 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत में इलाज के दौरान लगभग 20 फीसदी मौतें फर्जी डॉक्टरों की वजह से होती हैं। दावा किया गया था कि 2001 में एलोपैथिक डॉक्टर होने का दावा करने वालों में से 31 प्रतिशत केवल मिडिल क्लास तक पढ़े थे और 57 फीसदी के पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं थी। स्टडी में यह भी बताया गया था कि ग्रामीण भारत में केवल 18.8 प्रतिशत एलोपैथिक डॉक्टरों के पास ही मेडिकल डिग्री थी।

सरकार ने खारिज किया था WHO का दावा

हालांकि सरकार ने WHO के दावे को खारिज कर दिया था। 2018 में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया था कि रिपोर्ट गलत है क्योंकि एमबीबीएस मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए स्टेट मेडिकल रजिस्टर में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। इसलिए सभी रजिस्टर्ड डॉक्टरों के पास मेडिकल प्रैक्टिस करने की योग्यता है।

कैसे बनते हैं झोलाछाप डॉक्टर

असल में, झोलाछाप डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस करने वाले ज्यादातर लोग किसी डॉक्टर के यहां मददगार या कंपाउंडर के तौर पर काम करते हैं। कुछ साल काम करने के बाद ऐसे लोग खुद ही मेडिकल प्रैक्टिस करने लगते हैं। भारत में इन्हें 'झोला छाप'या क्वैक डॉक्टर कहा जाता है। लेकिन असल में ये लोग मेडिकल सर्विस के एक बड़े गैप को भरते हैं।⏹