नई दिल्ली: एक अमेरिकी सैन्य विमान पर सवार भारतीय प्रवासी, जो हाल ही में निकारागुआ से बचाव के बाद अमेरिका लाए गए थे, दिल्ली में नहीं उतरेंगे। इन प्रवासियों को अमृतसर स्थित एक विशेष केंद्र में ले जाया जाएगा, जहां उनकी डिब्रीफिंग और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।
यह निर्णय भारत और अमेरिका के बीच हुई समन्वय बैठक के बाद लिया गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि इन प्रवासियों को निकारागुआ में मानव तस्करी के शिकार के रूप में पहचाना गया था और उन्हें वहां से सुरक्षित निकाला गया। इनमें से अधिकांश प्रवासी पंजाब और हरियाणा के हैं, जो अमेरिका में बेहतर जीवन की तलाश में निकारागुआ गए थे।
अमृतसर केंद्र पर इन प्रवासियों की मेडिकल जांच, काउंसलिंग और अन्य कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। इसके बाद उन्हें उनके परिवारों के पास भेजा जाएगा। भारत सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया को मानवीय और संवेदनशील तरीके से संपन्न करने का आश्वासन दिया है।
इस घटना ने एक बार फिर भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा और उनके साथ हो रहे शोषण को लेकर चिंता जताई है। सरकार ने प्रवासियों को अवैध रास्तों से विदेश जाने से बचने की सलाह दी है और उन्हें कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
इस बीच, अमेरिकी अधिकारियों ने भारत सरकार के साथ मिलकर इस मामले को सुलझाने के लिए सहयोग जारी रखने का वादा किया है। यह घटना दोनों देशों के बीच सुरक्षा और प्रवासन संबंधी मुद्दों पर सहयोग को और मजबूत करने का संकेत देती है।
प्रवासियों के परिवारों ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए सरकार और अमेरिकी प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही ये प्रवासी अपने घरों को लौटेंगे और इस अनुभव से सीख लेकर भविष्य में सतर्क रहेंगे।