एमपाक्स का बढ़ता प्रभाव – MPOX’s growing influence

एमपाक्स अफ्रीका और यूरोप के बाद एशिया पहुंच चुका है। पाकिस्तान में इस वायरस के तीन मामले मिलने के बाद भारत में सतर्कता बढ़ा दी गयी है, हालांकि भारत में फिलहाल एमपाक्स का जोखिम बहुत कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं।

एमपाक्स को लेकर स्वास्थ्य मंत्री नड्डा आज कर सकते हैं बैठक - Health Minister Nadda can hold a meeting today regarding Mpox


स्वास्थ्य मंत्रालय आज हवाईअड्डों, बंदरगाहों जैसे प्रवेश बिंदुओं को सतर्क और सावधान रहने तथा दिशानिर्देशों के अनुसार एमपाक्स के संदिग्ध मामलों से निपटने के लिए पत्र लिख सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारत में इस समय एमपाक्स के संक्रमण का जोखिम बहुत कम है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

पाकिस्तान में भी तीन मामले मिले - Three cases found in Pakistan also

IANS के अनुसार पाकिस्तान में अब तक एमपाक्स वायरस के तीन मामले मिले हैं। हाल ही में सऊदी अरब से लौटे एक पाकिस्तानी व्यक्ति में एमपाक्स का पहला संदिग्ध मामला सामने आया था। प्रांतीय स्वास्थ्य विभाग के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र के दो और मरीजों में एमपाक्स की पुष्टि हुई है। तीनों नए मरीजों को अलग रखा गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ये मरीज एमपाक्स के नए और अधिक घातक स्ट्रेन - क्लेड 1बी से संक्रमित हैं। क्लेड 1 बी अफ्रीका में लगभग 13 देशों में फैल चुका है। गुरुवार को स्वीडन में क्लेड 1बी के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। यह अफ्रीका के बाहर पहला मामला था। 2024 में इस बीमारी ने अफ्रीकी देश में अब तक 548 की जान ले ली है। यह बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा में भी फैल गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को एमपाक्स की स्थिति को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। अफ्रीका में एमपाक्स संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अफ्रीका के बाद स्वीडन में भी एमपाक्स का पहला मामला सामने आया था। बीते दो वर्षों में दूसरी बार है जब एमपाक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया
है। इससे पहले जुलाई 2022 में एमपाक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया

एमपाक्स वायरस जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। इसके लक्षणों में दाने निकलना, फफोले बनना, बुखार शामिल है। जिसके लक्षण चेचक के समान होते हैं, हालांकि चिकित्सकीय रूप से यह कम गंभीर होता है। सामान्यतया जिसके लक्षण दो से चार सप्ताह तक रहते हैं।


फ्लू जैसे दिखते हैं एमपाक्स के लक्षण - Symptoms of Mpox look like flu


वैश्विक आपात बना एमपाक्स (मंकीपाक्स) अब भारत के करीब पहुंच चुका है। यह दुर्लभ बीमारी पहले कुछ जानवरों में ही पाई जाती थी। फिर इंसानों में भी इसके मामले दिखने लगे।


क्या है एमपाक्स- What is Mpox

एमपाक्स एक वायरल संक्रमण है जो आर्थोपाक्स वायरस के कारण होता है। इसके लक्षण त्वचा पर लाल चकत्ते या म्यूकोसल घाव है जो बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, ऊर्जा की कमी और गले में सूजन के साथ 2-4 सप्ताह तक रह सकते है। बच्चे, गर्भवती महिलाएं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वालों में इसका खतरा सबसे अधिक है।

कैसे फैलता है एमपाक्स - How does Mpox spread?


एमपाक्स यौन संपर्क सहित निकट शारीरिक संपर्क से फैलता है। इसके अलावा संक्रमित जानवर और दूषित सामग्रियों जैसे कपड़े, विस्तर और तौलिए जैसी चीजों से भी फैल सकता है। हालांकि हवा के माध्यम से यह फैलता है या नहीं इसे लेकर कोई पुरता सुबूत नहीं मिले हैं। वर्तमान में यह लोगों के बीच अधिक आसानी से फैल रहा है जिससे वैश्विक चिंता उत्पन्न हुई है।

बंदरों में दिखा था पहला मामला - The first case was seen in monkeys


इस वायरस की पहचान पहली वार 1958 में डेनमार्क में अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बंदरों में की गई थी। पहली बार इंसान में इसका मामला 1970 में कांगो में देखा गया। तब से इसका प्रकोप जारी है। दो साल पहले जब इस वायरस का एक रूप क्लैड आइआइवी विश्व स्तर पर फैलना शुरू हुआ तव डब्ल्यूएचओ ने एमपाक्स को आपातकाल घोषित किया था। तब इसके ज्यादातर मामले पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में देखा गया था। वर्तमान में कांगो में इसका अब तक का सबसे खतरनाक प्रकोप देखा जा रहा है। जनवरी, 2023 से अब तक वहां 27,000 मामले और 1,100 से अधिक मौते देखी गई हैं, जिनमें मुख्य रूप से बच्चे शामिल है।