नामीबिया के पर्यावरण, वन और पर्यटन मंत्रालय ने कहा है कि नागरिकों की भूख मिटाने के लिए 83 हाथियों समेत 723 जंगली जानवरों को मारने की योजना जरूरी है और हमारे संविधान के अनुरूप है, जो प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नागरिकों के लाभ के लिए करने की अनुमति देता है। यह कोई नई रणनीति नहीं है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अफ्रीका ऑफिस के निदेशक रोज म्वेचाजा ने कहा कि स्वस्थ जंगली जानवर लोगों के लिए भोजन का अच्छा स्रोत हो सकते हैं।
दक्षिणी अफ्रीका का ज्यादातर हिस्सा सूखे की चपेट में है। संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम ने जून में कहा था कि इस क्षेत्र की तीन करोड़ से ज्यादा आबादी इससे प्रभावित है। अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी के प्रवक्ता बेंजामिन सुआरती ने कहा कि सूखा दक्षिणी अफ्रीका में आम बात है, लेकिन यह आपदा विशेष रूप से विनाशकारी और व्यापक रही है। नामीबिया में विश्व वन्यजीव फंड के निदेशक जूलियन जीडलर ने कहा कि पूरे क्षेत्र में लोगों और जानवरों के लिए बिल्कुल भी भोजन नहीं है।
सुआरती ने कहा कि इस क्षेत्र में अल नीनो के चलते पिछले वर्ष रिकॉर्ड तोड़ सूखा पड़ा। औसत से आधे से भी कम बारिश हुई। सूखे की वजह से फसलें सूख रही है और पशुधन मर रहे हैं तथा इसलिए नामीलिया भोजन के लिए कृषि को छोड़कर जंगली जानवरों पर निर्भर होता जा रहा है। नामीचिया में हाथियों के अलावा 300 रेखा, 30 दरियाई घोड़ा, 50 इंपाला, 60 भैंस, 100 ब्लू आइल्डबीस्ट और 100 ईलैंड (एक तरह का हिरण) को मारने की योजना है। इन जानवरों को सिर्फ मांस के लिए ही नहीं मारा जा रहा, बल्कि सूखे की वजह से भोजन और पानी की तलाश में भटकते इन्सान और जानवरों के बीच संभावित मुठभेड़ को टालने के लिए भी ऐसा किया जा रहा है। हालांकि हाथी शाकाहारी होते हैं, लेकिन भूख से व्याकुल होकर वे इन्सानों पर हमला कर सकाते हैं। पिछले वर्ष हाथियों ने जिम्लाने में 50 लोगों को मार दिया था। आम तौर पर जानबर सूखे में पलायन कर जाते हैं, लेकिन देशव्यापी सूखे की वजह से पलायन के लिए जगहें सीमित रह गई है। स्थिति बेहद भयानक है और नामीनिया में 84 फीसदी खाद्य संसाधन खत्म हो चुके हैं।