अहमदाबाद की साबरमती नदी के तट पर 7500 महिलाओं ने एक साथ चरखा चलाकर कीर्तिमान बनाया

Sakshi Kukreti
अहमदाबाद की साबरमती नदी के तट पर 7500 महिलाओं ने एक साथ चरखा चलाकर कीर्तिमान बनाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए
खाली प्रेरणा का स्रोत हो सकती है. उन्होंने यह अफसोस भी जताया कि कभी आत्म सम्मान का प्रतीक रही खादी
के साथ आजादी के बाद दोयम दर्जे उत्पादन जैसा व्यवहार किया गया. प्रधानमंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव के
तहत यहां साबरमती नदी के तट पर आयोजित खाद्य उत्सव के दौरान यह बात कही उन्होंने कहा कि देश की
आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के दौरान शनिवार को 7500 महिलाओं ने कार्यक्रम में एक साथ चरखा चलाकर
कीर्तिमान बनाया है. इस दौरान मोदी ने भी महिलाओं के साथ सूत कांटा इस कार्यक्रम में एक प्रदर्शनी भी हुई.
जिसमें 1920 के दशक से इस्तेमाल में लाए गए विभिन्न पी लो के बाय चरखो को प्रदर्शित किया गया

इनमें यरवदा चरखा जैसे चरके भी शामिल हुए. जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस्तेमाल किए गए चरखो का प्रतीक
है. स्वतंत्रता संघर्ष में प्रेरणा सूत्र बनी कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि खाली स्वतंत्रता संघर्ष के
लिए प्रेरणा स्रोत बन गई और गुलामी की बेड़ियों को तोड़ डाली महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान खादी
को आत्मसम्मान का प्रतीक बना दिया था. प्रधानमंत्री ने लोगों से आदमी त्योहारों में खादी ग्रामोद्योग में बने
उत्पाद ही उपहार में देने की अपील की.

प्रधानमंत्री ने गुजरात की दो दिवसीय यात्रा पर शनिवार को अहमदाबाद पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, प्रदेश
भाजपा अध्यक्ष सियार पटेल व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों संग बैठक की मोदी ने अहमदाबाद हवाई अड्डे
में एक निकटवर्ती सुविधा केंद्र पर यह बैठक की.