वन नेशन – वन इलेक्शन को कैबिनेट से मंजूरी – Cabinet approves One Nation-One Election

एक देश, एक चुनाव की सिफारिश को मोदी सरकार की कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया है। 'वन नेशन, वन इलेक्शन'(One Nation-One Election) को लेकर सरकार के सामने हैं बड़ी चुनौतियां, कैबिनेट से पास होना ही काफी नहीं। एक राष्ट्र-एक चुनाव की अवधारणा को हकीकत में बदलने के लिए संविधान में जो संशोधन करने की जरूरत होगी, वर्तमान हालात में उन्हें पारित कराना भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के लिए मुश्किल होगा।

भारत में एक देश, एक चुनाव का इतिहास - History of one country, one election in India

क्या हैं एक देश-एक चुनाव पर समिति की अहम सिफारिशें - What are the important recommendations of the committee on one country, one election? 

https://youtu.be/QbS2tEwo2pI?si=XJR2W5IZZVY7e_XH

पहली बार कब हुए थे एक साथ चुनाव - When were elections held simultaneously for the first time

देश में 1951 से 1967 के बीच एक साथ चुनाव हुए थे, लेकिन उसके बाद मध्यावधि चुनाव सहित विभिन्न कारणों से चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे। सभी चुनाव एक साथ कराने के लिए काफी प्रयास करने होंगे, जिसमें कुछ चुनावों को पहले कराना तथा कुछ को विलंबित करना शामिल है। इस वर्ष मई-जून में लोकसभा चुनाव हुए, जबकि ओडिशा, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी संसदीय चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव हुए। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया अभी चल रही है, जबकि महाराष्ट्र और झारखंड में भी इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं। दिल्ली और बिहार उन राज्यों में शामिल हैं जहां 2025 में चुनाव होने हैं।