पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश में व्याप्त शोक और आक्रोश के बीच, राजनीतिक बयानबाजी ने माहौल को और गरमा दिया है। बीजेपी मंत्री नितेश राणे के हिंदुओं से खरीदारी से पहले नाम पूछने के विवादित बयान के बाद, कई क्षेत्रों से मुसलमानों के बहिष्कार की खबरें आ रही हैं।
गाजियाबाद के लोनी स्थित सिरौली गांव में, मुस्लिम फेरीवालों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गांव के युवाओं ने एक वीडियो जारी कर यह घोषणा की है, जिसमें वे निवासियों से 11 बजे गांव के प्रवेश द्वार पर इकट्ठा होने का आग्रह कर रहे हैं। वीडियो में धार्मिक नारे भी लगाए गए हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
यह घटनाक्रम, पहले भी कई स्थानों पर मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के आरोपों के बीच, सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा रहा है।
महाराष्ट्र के मंत्री का बयान
महाराष्ट्र में एक मंत्री के हालिया बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस मंत्री ने हिंदू समुदाय से अपील की है कि वे खरीदारी करने से पहले दुकानदार का नाम पूछें और उनसे हनुमान चालीसा का पाठ करवाएं।
मंत्री ने कश्मीर में हिंदुओं के साथ हुए कथित अत्याचारों का हवाला देते हुए कहा, “कश्मीर में जो हुआ, वह आप सब देख रहे हैं। वहां किसी की जाति या भाषा नहीं पूछी गई, सिर्फ धर्म पूछा गया। हिंदू होने पर उन्हें गोली मार दी गई। हमें यह ध्यान रखना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “हम कब तक यह सब सहन करेंगे? हम कब तक इन लोगों का नाटक सहेंगे? पाकिस्तान समर्थित जेहादियों को जवाब देने के लिए हिंदू समाज को तैयार रहना होगा।”
मंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ लोग ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ की बात करते हैं और कहते हैं कि ‘हम सब एक हैं’, लेकिन कश्मीर से आ रही कहानियां कुछ और ही सच्चाई बयां करती हैं। उन्होंने दावा किया कि कश्मीरी हिंदू महिलाओं को सिंदूर देखकर गोली मारी गई और जो लोग कलमा नहीं पढ़ पाए, उन्हें भी मार दिया गया।
मंत्री के इस बयान ने महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों ने मंत्री के बयान की कड़ी निंदा की है और इसे समाज में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाला बताया है।∎