पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, और इस बीच, भारत की कूटनीतिक चालों ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हिलाकर रख दिया है। इस संवेदनशील माहौल में, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक महत्वपूर्ण बयान देकर इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है।
ओवैसी ने केंद्र सरकार से स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि सरकार इस बार पाकिस्तान के खिलाफ कोई कार्रवाई करती है, तो उसे केवल हमला करके वापस नहीं आना चाहिए, बल्कि पाकिस्तान के भीतर घुसकर स्थायी रूप से बैठ जाना चाहिए। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के “घर में घुस के मारेंगे” के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब सरकार को अपनी कथनी को करनी में बदलकर दिखानी चाहिए। ओवैसी ने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारतीय संसद का संकल्प है और उसे वापस लेना भारत का अधिकार है। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दल एक स्वर में सरकार से आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
ओवैसी ने देश में बार-बार हो रहे आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने हैदराबाद के लुंबिनी पार्क में हुए बम विस्फोट, 26/11 मुंबई आतंकी हमले, पुलवामा, पठानकोट और हाल ही में रियासी में हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन हमलों ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ओवैसी ने सरकार से यह भी पूछा कि आखिर देश में बार-बार आतंकवादी हमले क्यों हो रहे हैं? क्यों हमारे जवान और आम नागरिक आतंकवाद का शिकार बन रहे हैं? उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या सरकार आतंकवाद को रोकने में नाकाम रही है?
ओवैसी ने यह भी कहा कि देश की जनता और राजनीतिक दल अब केवल बयानबाजी नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक युद्ध छेड़ना चाहिए, जिससे देश को इस खतरे से स्थायी रूप से मुक्ति मिल सके। ओवैसी ने यह भी कहा कि अगर सरकार इस बार कोई कमजोर कदम उठाती है, तो यह न केवल देश की सुरक्षा के लिए खतरा होगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि को नुकसान पहुंचाएगा।