पाकिस्तान के निजी चैनल जियो न्यूज़ के कार्यक्रम ‘नया पाकिस्तान’ में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, “अगर भारत सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर पानी रोकने या उसकी दिशा मोड़ने के लिए कोई ढांचा बनाता है तो इसे पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हमला माना जाएगा और हम उस ढांचे को नष्ट कर देंगे।”
उन्होंने कहा कि “सिंधु जल संधि का उल्लंघन करना आसान नहीं है, यह पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जंग की घोषणा होगी। कोई हमला सिर्फ़ तोप के गोले या बंदूक चलाने तक ही सीमित नहीं है, इसके कई रूप हैं, जिनमें से एक यह भी है। इससे देश के लोग भूख या प्यास से मर सकते हैं।”
इससे पहले 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कई सख़्त कदम उठाए हैं, जिनमें साल 1960 के सिंधु नदी जल समझौते को निलंबित करना भी शामिल है।
इससे पहले सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो के बयान पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी।
बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सुक्खर में आयोजित एक रैली में कहा था कि ‘या तो सिंधु नदी से हमारा पानी बहेगा या उनका ख़ून बहेगा।’
उनके बयान पर भारत के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत कई बड़े नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
हालांकि बीबीसी के साथ बातचीत में बिलावल भुट्टो ने अपने बयान पर सफ़ाई दी और कहा कि रैली में उन्होंने ‘आम पाकिस्तानी जनता की भावनाओं’ को ही दोहराया था।∎