नेशनल हेराल्ड केस में सास और साले के खिलाफ जांच शुरू होने के बाद अब रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच तेज हो गई है। उनके खिलाफ गुरुग्राम लैंड डील केस, संजय भंडारी रक्षा सौदे और बीकानेर जमीन सौदे के मामले में चार्जशीट फाइल करने की तैयारी प्रवर्तन निदेशालय ने शुरू कर दी है।
क्या हैं तीनों मामले
शुरूआत करते हैं गुरुग्राम भूमि सौदे से, तो ये घटना वर्ष 2008 की है। उस दौरान केंद्र में यूपीए-1 की कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार थी। प्रधानमंत्री थे डॉ मनमोहन सिंह। आरोप है कि उस दौरान वाड्रा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए गुरुग्राम के शिकोहपुर में वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड एक 3.5 एकड़ की जमीन को महज 7.5 करोड़ रुपए के दाम पर खरीदती है। इसके बाद कुछ ही महीने के अंतर में इसी जमीन को उन्होंने रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपए की लागत पर बेच देते हैं।
मतलब ये कि वाड्रा इससे 50 करोड़ से अधिक की कमाई करते हैं। दावा ये भी है कि डीएलएफ को भी गांधी परिवार का सहयोग हासिल था। 2018 में इस मामले में हरियाणा की पुलिस एक केस दर्ज करती है। ईडी को शक है कि इस जमीन सौदे के जरिए बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है।
संजय भंडारी केस
दूसरा मामला है रक्षा सौदे का दलाल संजय भंडारी से जुड़ा। मामला कुछ यूं है कि स्विटजरलैंड की एक एयरक्राफ्ट निर्माता कंपनी है पिलाटस, जिसके साथ कांग्रेस शासन के दौरान 75 ट्रेनर विमानों के लिए सौदा किया गया था। आरोप है कि इस मामले में बिचौलिया रहे रक्षा दलाल संजय भंडारी की दुबई स्थित कंपनी ऑफसेट इंडिया सॉल्युशन के खातों 310 करोड़ की रकम गई। ईडी को मामले की छानबीन के दौरान इसका पता चला। बाद में ये भी पता चला कि दलाली के उसी पैसे से भंडारी ने लंदन में जमीन खरीदी। लंदन की इसी जमीन सौदे से भंडारी औऱ वाड्रा दोनों के ही संबंध हैं।
इस मामले की जांच के बाद ईडी भंडारी की भारत में 26 करोड़ की संपत्ति को सीज कर चुकी है। इसके अलावा 150 करोड़ रुपए की संपत्तियों का भी पता लगाया जा चुका है।
बीकानेर जमीन सौदा
इस मामले में वाड्रा पर गुरुग्राम जमीन सौदे जैसा ही आरोप है। आरोप है कि उन्होंने 72 लाख रुपए में बीकानेर में 275 बीघा जमीन खरीदा था। इसके बाद उसी जमीन को उन्होंने 5.2 करोड़ रुपए में बेंच दिया।