सड़क सुरक्षा पखवाड़ा : बिना हेलमेट दफ्तर आने वाले कर्मचारी सावधान

सड़क सुरक्षा एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। सड़क सुरक्षा का मतलब उन नियमों का पालन करना है जिससे सड़कों पर होने वाली दुर्घटना को रोका जा सके या कम किया जा सके। यद्यपि पिछले दशक में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक के लिये कई कदम उठाए गए हैं किन्तु फिर भी सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु की संख्या बढ़ी है।

इसी क्रम में उत्तर-प्रदेश की योगी सरकार ने एक फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मानाया जायेगा। योगी सरकार 17 जुलाई से 31 जुलाई तक सड़क सुरक्षा पखवाड़ा चलाएगी। इस दौरान, सड़क सुरक्षा के महत्व को समझाने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने लिए विभिन्न कार्यक्रम भी पुरे राज्य भर में आयोजित किए जाएंगे। 

बिना हेलमेट होगी कार्यवाई 

यूपी में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया गया है और यदि वे हेलमेट नहीं पहनते हैं तो कार्रवाई होगी। दरअसल, यह देखा गया है कि लोग अमूमन जल्दबाज़ी में या किन्हीं अन्य कारणों से हेलमेट लगाना भूल जाते हैं। इसी कारण से यह फैसला लिया गया है।

इसके साथ ही, मुख्यमंत्री योगी ने दोपहिया वाहनों पर बिना हेलमेट ऑफिस आने वाले सरकारी कर्मचारियों को अनुपस्थित मानने का आदेश दिया है। पहली बार बिना हेलमेट के पहुंचने पर कर्मचारियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाएगा। दूसरी बार बिना हेलमेट के कार्यालय आने पर कर्मचारियों को गैर-हाजिर करने का फैसला लिया गया है।

यूपी की प्रदेश सरकार को आशा है कि इससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी और आम नागरिक भी सुरक्षित यातायात के नियमों का पालन करने में अधिक सचेत होंगे।

क्यों आवश्यक है सड़क सुरक्षा?

आजकल उचित सड़क सुरक्षा उपायों की अनदेखी और वाहनों की टक्कर के कारण सड़क दुर्घटनाएँ बहुत आम होती जा रही हैं। पिछले लगातार तीन वर्षों से और वर्तमान में भी सड़क दुर्घटनाओं की आयु प्रोफ़ाइल में 18-45 वर्ष का प्रोडक्टिव आयु वर्ग शामिल है, जो 69.6 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार है।

2019 में, भारत की संसद ने मोटर वाहन संशोधन कानून बनाया। इस अधिनियम का उद्देश्य वस्तुतः भारत में सड़क दुर्घटना के रोकथाम संबंधी नियमों को और कठोर बनाना है।