संभल में शाही जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें मुगल-युग की मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति दी गई है, जिसके बारे में हिंदुओं का दावा है कि इसे एक हिंदू मंदिर को नष्ट करके बनाया गया था।
आज सुप्रीम कोर्ट संभल जिले में स्थित एक मस्जिद के सर्वे के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में कहा गया है कि मस्जिद का सर्वे करना धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है और इससे धार्मिक स्थानों की पवित्रता को नुकसान पहुंच सकता है। यह मामला उत्तर प्रदेश के संभल जिले से जुड़ा हुआ है, जहाँ हाल ही में प्रशासन ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था।
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि स्थानीय प्रशासन ने सर्वे के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले कदम उठाए हैं। याचिका दायर करने वाले व्यक्तियों का कहना है कि इस सर्वे का उद्देश्य धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद उत्पन्न करना और समाज में तनाव बढ़ाना है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार किया है और आज इस पर सुनवाई शुरू होगी। मामले में सभी पक्षों से विस्तृत हलफनामे (affidavit) मांगे गए हैं और कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि इस प्रक्रिया में किसी भी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन न हो।
यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले कई धार्मिक स्थल और मस्जिदों के सर्वे को लेकर विवाद उठ चुके हैं, जिनमें सार्वजनिक और सामाजिक धारा पर गहरा असर पड़ा था। अब, सुप्रीम कोर्ट से इस मुद्दे पर जल्द निर्णय की उम्मीद जताई जा रही है।