भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया। भारत ने मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात पाकिस्तान में मौजूद लश्कर, जैश और हिज्बुल के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दी और उन ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया। माना जा रहा है कि इस हमले के बाद इन तीनों आतंकी संगठनों के आकाओं पर पहाड़ टूट पड़ा है। उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इस तरह से उनकी कमर तोड़ कर रख देगा। तीनों आतंकी आका इस वक्त खून के आंसू रो रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि भारतीय वायुसेना और सेना ने किस तरह से इन तीन आतंकी आकाओं को सबक सिखाया है और उन्हें कैसे चोट पड़ी है।
हाफिज मुहम्मद सईद (Lashkar-e-Taiba)
26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के तीन अहम ठिकाने थे। जिनमें मुरिदके, सवाई नल्ला और मरकज़ अहले हदीस (बरनाला) शामिल है। भारतीय वायु सेना ने उसके तीनों ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है।
मुरिदके कैंप, जो लश्कर का वैचारिक और सैन्य केंद्र था, इंटरनेशनल बॉर्डर से सिर्फ 30 किमी दूर था।
हाफिज सईद का नेटवर्क पूरी तरह बिखर चुका है। उसके पास नए रंगरूटों को प्रशिक्षित करने और भारत विरोधी गतिविधियों की योजना बनाने का आधार खत्म हो गया है।
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया। भारत ने मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात पाकिस्तान में मौजूद लश्कर, जैश और हिज्बुल के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दी और उन ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया। माना जा रहा है कि इस हमले के बाद इन तीनों आतंकी संगठनों के आकाओं पर पहाड़ टूट पड़ा है। उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इस तरह से उनकी कमर तोड़ कर रख देगा। तीनों आतंकी आका इस वक्त खून के आंसू रो रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि भारतीय वायुसेना और सेना ने किस तरह से इन तीन आतंकी आकाओं को सबक सिखाया है और उन्हें कैसे चोट पड़ी है।
हाफिज मुहम्मद सईद (Lashkar-e-Taiba)
26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के तीन अहम ठिकाने थे। जिनमें मुरिदके, सवाई नल्ला और मरकज़ अहले हदीस (बरनाला) शामिल है। भारतीय वायु सेना ने उसके तीनों ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। मुरिदके कैंप, जो लश्कर का वैचारिक और सैन्य केंद्र था, इंटरनेशनल बॉर्डर से सिर्फ 30 किमी दूर था। हाफिज सईद का नेटवर्क पूरी तरह बिखर चुका है। उसके पास नए रंगरूटों को प्रशिक्षित करने और भारत विरोधी गतिविधियों की योजना बनाने का आधार खत्म हो गया है।
मसूद अजहर (Jaish-e-Mohammed)
पुलवामा हमले का गुनहगार और जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर भी भारतीय हमले से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय, सरजाल, बिलाल कैंप, और कोटली स्थित लॉन्चपैड को निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया।
बहावलपुर, जो जैश का सबसे बड़ा ऑपरेशनल हब था, इंटरनेशनल बॉर्डर से 100 किमी दूर स्थित था। वो अब पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है।
सैयद सलाहुद्दीन (Hizbul Mujahideen)
कश्मीर में आतंक फैलाने वाला हिज्बुल मुजाहिदीन का मुखिया सैयद सलाहुद्दीन इस हमले के बाद सबसे कमजोर स्थिति में आ गया है। उसके कोटली, मेहमूना जोया (सियालकोट) और राहील शाहिद कैंप जैसे बेस तबाह कर दिए गए।
खास बात यह है कि हिज्बुल के अधिकतर ठिकाने एलओसी से 10-15 किमी की दूरी पर थे, जिससे सीमा पार घुसपैठ पूरी तरह अवरुद्ध हो गई है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की अब तक की सबसे सटीक और रणनीतिक एयरस्ट्राइक मानी जा रही है। यह सिर्फ सैन्य सफलता नहीं, बल्कि कूटनीतिक संदेश भी है कि भारत अब सीमा पार छिपे दुश्मनों को उनके घर में घुसकर सबक सिखा सकता है। मसूद अजहर, हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन जैसे आतंकी आकाओं को ऐसा झटका लगा है जिसकी भरपाई लंबे समय तक नहीं हो सकेगी।
हमले में मारे गए मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक में आतंकी और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए हैं। जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि भारतीय हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए हैं।
इस हमले के बाद दुखी मसूद अजहर ने कहा कि अच्छा होता कि इस हमले में मै भी मारा जाता. जैश-ए-मोहम्मद ने एक बयान में कहा गया है, ‘मौलाना मसूद अजहर की बड़ी बहन के साथ मौलाना कशफ का पूरा परिवार मारा गया है और मुफ्ती अब्दुल रऊफ के पोते-पोतियां, बाजी सादिया के पति समेत सबसे बड़ी बेटी के चार बच्चे घायल हुए हैं। ज्यादातर महिलाएं और बच्चे मारे हुए हैं। एयरस्ट्राइक में मारे गए अजहर के परिवार के सदस्यों और करीबियों को आज ही दफनाया जाएगा।
आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ पंजाब का वहावलपुर भी शामिल है। एक प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि ‘भारत की कार्रवाई केंद्रित, नपी-तुली और गैर-बढ़ावा देने वाली रही है।’ उन्होंने कहा कि पहलगाम का हमला अत्यधिक बर्बरतापूर्ण था।∎