प्रधानमंत्री आज अपने जन्मदिन के मौके पर राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की शुरुआत करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति की शुरुआत करेंगे। इसके
तहत राजमार्ग, पोर्ट, विमानन समेत लॉजिस्टिक से जुड़े सभी मंत्रालयों के डिजिटल प्लेटफॉर्म एक ही पोर्टल के
जरिए अपनी सेवाएं दे सकेंगे। ‘हिन्दुस्तान’ को मिली जानकारी के मुताबिक, इस नीति के जरिए देश में
लॉजिस्टिक्स लागत घटाने पर काम किया जाएगा और उसे दुनिया के बड़े देशों के मुकाबले रखा जाएगा।

केंद्र सरकार ने 2020-21 के बजट में नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी की घोषणा की थी। दरअसल, सरकार देश की
जीडीपी में लॉजिस्टिक लागत को मौजूदा 13-14 फीसदी के अनुपात से नीचे लगाने पर जोर देती रही है, जबकि
जर्मनी और जापान जैसे देश लॉजिस्टिक लागत पर जीडीपी का लगभग 8 से 9 प्रतिशत खर्च करते हैं। ये देश
अपने विकसित लॉजिस्टिक संसाधन और व्यवस्था के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में भारत का भी यही लक्ष्य है कि
लॉजिस्टिक को लागत प्रभावी बनाकर जीडीपी का खर्च कम किया जाए।

क्यों लाई जा रही?
लॉजिस्टिक्स पॉलिसी लाने का मकसद इस सेक्टर को बढ़ावा देना है। भारत में फिलहाल लॉजिस्टिक्स लागत कुल
जीडीपी (जीडीपी) यानी सकल घरेलू उत्पाद का करीब 14 फीसदी है। सरकार लॉजिस्टिक्स लागत को जीडीपी का 9-
10 फीसदी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। बता दें कि अमेरिका, चीन और कई यूरोपीय देशों में माल ढुलाई की
लागत जीडीपी के पांच फीसदी से भी कम है।

क्या है नई नीति
नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी का सीधा मतलब माल ढुलाई की लागत में कमी लाने से है। जब फैक्टरी में कोई
सामान बनता है तो उसे ग्राहक तक पहुंचाने के लिए एक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसे लॉजिस्टिक्स (माल
ढुलाई) और इस पर आने वाले खर्च को लॉजिस्टिक्स कॉस्ट या माल ढुलाई खर्च कहा जाता है। माल ढुलाई की
लागत में कमी लाने के लिए बनाई गई राष्ट्रीय नीति को नेशनल लॉजिस्टिक नीति कहते हैं।

रोजगार का सृजन

देश में लॉजिस्टिक कारोबार 160 अरब डॉलर है। इस क्षेत्र से 2.2 करोड़ रोजगार हैं। सेक्टर में सुधार से माल ढुलाई
लागत 10 कम होगी। इससे निर्यात में 5 से 8 फीसदी की वृद्धि देखने को मिल सकती है।

यह सुविधा मिलेगी

नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत देशभर में माल की बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित की जाएगी। कागजी
कार्रवाई को आसान बनाया जाएगा और सिंगल विंडो क्लियरेंस की सुविधा दी जाएगी।

44 वें स्थान पर

वर्ल्ड बैंक लॉजिस्टिक्स इंडेक्स 2018 के अनुसार, भारत लॉजिस्टिक्स लागत में 44 वें स्थान पर है, जो अमेरिका
और चीन जैसे देशों से बहुत पीछे है। ये देश क्रमश 14वें और 26वें स्थान पर हैं।