अमेरिका में नए राष्ट्रपति चुनाव के लिए चुनावी अभियान जोरों पर है। आगामी 5 नवंबर को अमेरिका की जनता अपने नए राष्ट्रपति की किस्मत तय करेगी। साल 1848 से अमेरिका में मतदान मंगलवार को ही आयोजित किया जाता है।
19वीं सदी में अमेरिका की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर थी। ज्यादातर लोग फार्म पर काम करते थे और वहीं रहते थे। उनकी रोजमर्रा की जिंदगी और दूसरे कामों पर फसलों की बुवाई और कटाई का प्रभाव काफी अधिक था। चुनाव का पूरा शेड्यूल ग्रामीण आबादी की जरूरतों के लिहाज से तय किया गया। अमेरिका में आम तौर पर अक्टूबर में फसलों की कटाई का काम पूरा हो जाता है। नवंबर में यात्रा के लिए मौसम का अनुमान लगाना आसान होता है। रविवार का दिन चर्च जाने के और आराम के लिए था। ऐसे में अगर सोमवार को मतदान होता तो बहुत से किसानों के लिए पोलिंग स्टेशन तक जाने के लिए यात्रा करना असुविधाजनक होता। इसीलिए मतदान के लिए मंगलवार का दिन चुना गया क्योंकि रविवार के बाद मतदाताओं के पास यात्रा करने के लिए पूरा दिन रहता था और उनके धार्मिक कार्यों में भी कोई बाधा नहीं आती थी।
1845 में यूएस कांग्रेस ने मंगलवार को चुनाव का दिन तय किया। इससे पहले, राज्यों में अलग-अलग तिथियों पर चुनाव होते थे। कांग्रेस ने पहली बार पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मंगलवार, सात नवंबर, 1848 का दिन चुना। सोमवार को यात्रा की जरूरत के लिहाज से असुविधाजनक पाया गया, वहीं गुरुवार कई कस्बो में बाजार का दिन था। ऐसे में मंगलवार को ही मतदान के लिए सबसे उपयुक्त पाया गया। बाद में द यूनिफार्म मंडे हालीडे एक्ट 1968, ने वीकेंड लंबा करने के लिए कई फेडरल अवकाश को सोमवार के दिन शिफ्ट कर दिया था। हाली डे एक्ट ने भी चुनाव के दिन को प्रभावित नहीं किया।
18वीं सदी के चौथे दशक में मंगलवार को चुनाव की व्यवस्था ने अच्छी तरह से काम किया। लेकिन आज के अमेरिका के लिए चीजें बदल गई हैं। अमेरिका के 15 राज्यों में अगर मतदाता मंगलवार को अपना वोट नहीं डाल पाता, तो वह वोट नहीं दे पाएगा। आलोचकों का तर्क है कि मंगलवार को ही मतदान की परंपरा बनी रहने की वजह से अमेरिका में मतदान का प्रतिशत कम रह रहा है।
अमेरिका के सिर्फ आठ राज्यों में चुनाव के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। कुछ राज्य कर्मचारियों को वोट डालने के बाद देरी से कार्यालय आने की अनुमति देते हैं। लेकिन बहुत से लोग काम के दिन मतदान को चुनौतीपूर्ण मानते हैं। अब 34 राज्य अर्ली वोटिंग यानी चुनाव के दिन से पहले वोट देने की सुविधा दे रहे हैं। चुनाव के लिए एक तय दिन के मामले में अमेरिका अकेला नहीं है। आस्ट्रेलिया में शनिवार को चुनाव होते हैं। मतदाताओं की सहूलियत और भागीदारी बढ़ाने के लिए शनिवार का दिन तय किया गया है।