अंततः वह दिन आ गया, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था। अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार हो रहे विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के लिए बुधवार को लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
आतंकी हिंसा के केंद्र रहे दक्षिण कश्मीर और जम्मू संभाग के रामबन, डोडा और किश्तवाड़ में मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लंबी कतारें लग गई। देर शाम तक वोट का आंकड़ा 60.79 प्रतिशत तक पहुंच गया था। शोपियां में 53.54 प्रतिशत व पुलवामा जिले में 46.03 प्रतिशत मतदान के साथ वर्ष 2008 से हुए चार लोकसभा व तीन विधानसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत का रिकार्ड टूटा है।
10 वर्ष बाद हो रहे विधानसभा चुनाव में माहौल बिल्कुल बदला हुआ है। न कोई आतंकी हिंसा, न कोई अलगाववादी फरमान। जिन 24 विधानसभा क्षेत्रों में वोट पड़े उनमें आतंक का गढ़ कहलाने वाला त्राल भी था। आतंकी जाकिर मूसा और बुरहान वानी जैसे आतंकी त्राल के रहने वाले थे। पुलवामा कांड को अंजाम देने वाला जैश आतंकी आदिल डार भी पुलवामा के गुंडीबाग का था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी सुबह मतदाताओं का उत्साह बढ़ाया। मोदी ने एक्स पर लिखा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का पहला चरण शुरू हो रहा है, मैं मतदाताओं से बड़ी संख्या में मतदान करने और लोकतंत्र के उत्सव को मजबूत करने का आग्रह करता हूं। मैं विशेष रूप से युवा और पहली बार मतदान करने वालों से मताधिकार का प्रयोग करने का आह्वान करता हूं।
बुधवार को विधानसभा चुनाव के प्रभारी व केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कटड़ा में दोपहर करीब दो बजे पीएम की महारैली को कामयाब बनाने के लिए की तैयारियों का जायजा लिया। मोदी श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन परिसर में बने हेलीपेड पर उतरेंगे। वहां से सड़क मार्ग से स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में महारैली को संबोधित करने पहुंचेंगे।