HMPV वायरस चीन से भारत में दस्तक दे चूका है। आखिर क्या है ये वायरस और इससे कैसे बचा जा सकता है आइये आपको बताते है।
(HMPV), एक श्वसन वायरस है जो फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है। यह निचले और ऊपरी श्वसन संक्रमण (जैसे सर्दी) का कारण बनता है। यह एक मौसमी बीमारी है जो आमतौर पर सर्दियों और शुरुआती वसंत में होती है, जो रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) और फ्लू के समान है। चीन में मामलों में वृद्धि के बाद चिंता का विषय बन गया है। हालांकि यह वायरस COVID-19 से मिलता-जुलता है, लेकिन विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि यह भारत के लिए तत्काल कोई खतरा नहीं है।
एचएमपीवी से जुड़े सामान्य लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। एचएमपीवी दो लोगों के बीच श्वसन प्रणाली के माध्यम से फैल सकता है। साथ ही लोगों के बीच संपर्क जैसे कि हाथ मिलाना, या वायरस से दूषित किसी वस्तु को छूना आदि से फैल सकता है।
विशेषज्ञ एचएमपीवी के लिए एंटीवायरल का उपयोग करने से भी मना कर रहे हैं। सांस की बीमारी से जुड़े एक्सपर्ट्स ने लोगों को मानव मेटान्यूमोवायरस से लड़ने के लिए एंटीवायरल दवाओं का आंख बंद कर उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी। फिलहाल इसका कोई टीका नहीं है, लेकिन इसके लक्षण सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं।
आपको बता दें कि 2023 में नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और चीन में एचएमपीवी का पता चला था।
HMPV को लेकर दिल्ली से लेकर तेलंगाना की सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली में स्वास्थ्य अधिकारियों ने ‘ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी)’ और श्वास संबंधी अन्य संक्रमण से जुड़ी संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों के सिलसिले में तैयारी सुनिश्चित करने के लिए परामर्श जारी किया। महानिदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. वंदना बग्गा ने दिल्ली में सांस संबंधी बीमारियों से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वह सभी उपलब्ध चैनलों के माध्यम से चीन की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और उसने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से भी स्थिति के बारे में समय पर अपडेट साझा करने का अनुरोध किया है। सरकार का कहना था कि चीन में सांस संबंधी बीमारियों के मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि फ्लू के मौजूदा मौसम को देखते हुए असामान्य नहीं है।