राजस्थान के जालोर में दलित छात्र की मौत के बाद राजनीति अलग ही चरम पर है. दरअसल हाल ही में एक टीचर
ने दलित छात्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी. जिसके बाद लोगों ने जगह-जगह प्रदर्शन कर इंसाफ की मांग की. इस
बात का फायदा राजनीतिक दल के लोगों ने भी बहुत उठाया. इनमें भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी जैसे
विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरा. लेकिन अब कांग्रेस सरकार की अंदरूनी मन-मुटाव भी सामने आ रही है. एक
तरफ दलितों पर अत्याचार रोकने में नाकाम कांग्रेस सरकार के विधायक पानाचंद मेघवाल ने इस्तीफा दिया. वहीं
दूसरी ओर राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने परिजनों के परिवार से मिलकर सरकार को नसीहत दे
डाली. उन्होंने गहलोत के दूसरे सरकार के राज्य दलीलों को खारिज किया. साथ ही पुलिस पर भी हम कड़े सवाल
भी उठाए.
सचिन पायलट और गहलोत के बीच की लड़ाई का एक बार फिर बीजेपी ने फायदा उठाया. बीजेपी ने जहां गहलोत
सरकार को घेरा तो वहीं दूसरी तरफ सचिन पायलट की तरह कार्य करते हुए सरकार पर सवाल भी उठाएं. इंद्र कुमार
हो दोनों दलित वर्गों के लोगों की मौत के बाद सरकार को बीजेपी ने चारों तरफ से घेर लिया और साथ ही बीजेपी
सरकार को चुनावी एजेंडा भी मिल गया.
सचिन पायलट मंगलवार को दलित छात्र के घर पहुंचे और परिजनों को दिलासा दिया. साथ ही सरकार को गिरते
हुए कहा ऐसी दृढ़ता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी आरोपी को जल्द से जल्द सजा दी जाए. दरअसल कथित तौर पर
जालौर के स्कूल में दलित छात्र को टीचर ने पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी लेकिन पुलिस का दावा ऐसा नहीं है.
साथ ही सचिन पायलट ने परिजनों के ऊपर प्रशासन अधिकारियों ने लाठीचार्ज के आरोप में जांच की मांग की.
परिजनों से मिलने के बाद उन्होंने कहा “हमें दलितों में यह विश्वास पैदा करना होगा कि हम उनके साथ खड़े हैं.
साथ ही सरकार को व्यवस्था बदलने के लिए खामियों को दूर करने का काम करना चाहिए”.