अजीत कुमार डोभाल वर्तमान में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हैं। वे 1968 बैच केरल कैडर के आईपीएस अफसर हैं। उन्हें उनकी सेवाओं के कारण पुलिस पदक और कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया जा चूका है।
अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी, 1945 को हुआ था। डोभाल का जन्म तत्कालीन उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल के गिरी बनेलस्यूं गांव में हुआ था। अजीत डोभाल के पिता मेजर जीएन डोभाल थे। मेजर जीएन डोभाल भारतीय फौज में एक अफसर थे। चूँकि अजीत डोभाल के पिता भारतीय सेना में थे, इसलिए उनकी शिक्षा-दीक्षा देश के कई स्थानों में हुई। अजमेर के अजमेर मिलिट्री स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने के उपरान्त अजीत डोभाल ने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया।
अजीत डोभाल के पिता मेजर जीएन डोभाल, भारतीय सेना में थे। उनकी पत्नी का नाम अरुणी डोभाल है। डोभाल दम्पत्ति के दो पुत्र हैं - शौर्य डोभाल और विवेक डोभाल। शौर्य डोभाल वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा उत्तराखंड) के कार्यकारी सदस्य हैं। वे जीई कैपिटल और मॉर्गन स्टेनली के लिए निवेश बैंकर के रूप में काम कर चुके हैं, तथा कई थिंक टैंक, जैसे - विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन, से भी जुड़े हैं। विवेक डोभाल एक चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) हैं।
अजीत डोभाल की जीवनी - Biography of Ajit Doval in Hindi | |
जन्म | 20 जनवरी, 1945 |
आयु | 77 वर्ष |
पेशा | भारत के 5वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार |
वेतन | यूएस$2,400 |
पत्नी | अनु डोभाल |
बच्चे | शौर्य डोभाल (पुत्र) |
विवेक डोभाल (पुत्र) | |
ऊंचाई | 1.63 मी |
वज़न | 70 किग्रा |
अजीत डोभाल का करियर शुरू हुआ 1968 में, जब उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में हुआ। वे 1968 बैच केरल कैडर के आईपीएस अफसर हैं। शुरुआत में उन्होंने बतौर पुलिस अधिकारी वे केरल के कोट्टायम जिले के एसपी के रूप में की।
अजीत डोभाल ने अपने करियर का बड़ा हिस्सा इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में एक सक्रिय फील्ड इंटेलिजेंस अधिकारी के रूप में बिताया। वे आईबी के निदेशक (डायरेक्टर) पद तक पहुंचे। इंटेलिजेंस ब्यूरो में उन्होंने कई सफल ओपेरटोन्स को अंजाम दिया। उपलब्ध जानकारी के अनुसार इन ऑपरेशन्स में विमान अपहरणकर्ताओं से वार्ता, वर्ष 1988 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान आईएसआई एजेंट के रूप में स्वर्ण मंदिर में घुसपैठ, आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने कश्मीर और मेघालय में भी सेवाएं दीं और किवदंतियों के अनुसार वे पाकिस्तान में बतौर जासूस 7 वर्षों तक रहे। जनवरी, 2005 में वे इस पद से रिटायर हो गए।
इंटेलिजेंस ब्यूरो से रिटायर होने के बाद अजीत डोभाल ने ‘विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन’ नाम की संस्था का गठन किया। यह संस्था भारत के निति-निर्माण के क्षेत्र में एक प्रमुख विचार-विमर्श केंद्र के रूप में उभर के सामने आया है।
30 मई, 2014 के दिन अजित डोभाल को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के रूप में नियुक्त किया गया। वे भारत के पांचवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। उनके कार्यकाल में भारत की सुरक्षा व्यवस्था काफी बेहतर हुई है।
अजीत डोभाल को उनके सेवाकाल और बाद में कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चूका है। उन्हें पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चूका है। डोभाल अपनी सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक पाने वाले सबसे कम उम्र के पुलिस अधिकारी थे।
वर्ष 1988 में, डोभाल कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। वह पहले पुलिस अधिकारी थे, जिन्हें यह पदक मिला। इससे पहले यह पदक केवल सैन्य सम्मान के रूप में ही दिया जाता था।
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