एक महान विद्वान, एक कुशल वक्ता और एक उत्कृष्ट प्रशासक होने के साथ साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे डॉ अमरनाथ झा अपने समय में भारत में अंग्रेजी साहित्य के सबसे योग्य प्रोफेसर के रूप में प्रतिष्ठित थे। भारत के प्रसिद्ध विद्वान, साहित्यकार और शिक्षा शास्त्री थे। वे हिन्दी के प्रबल समर्थकों में से एक थे। हिन्दी को सम्माननीय स्तर तक ले जाने और उसे राजभाषा बनाने के लिए अमरनाथ झा ने बहुमूल्य योगदान दिया था।
नाम | अमरनाथ झा |
जन्म | 25 फरवरी 1897 |
जन्म स्थान | मधुबनी, बिहार |
पिता | डॉ गंगानाथ झा |
पेशा | साहित्यकार एवं शिक्षा शास्त्री |
पदस्थ | उपकुलपति, UPPSC, BPSC के चेयरमैन |
पुरस्कार | पद्म भूषण |
मृत्यु | 2 सितम्बर 1955 |
डॉ अमरनाथ झा हिंदी, संस्कृत, उर्दू, अंग्रेजी सभी भाषाओं के साहित्य से बहुत प्रेम करते थे। जिसके लिए उन्हें इलाहाबाद और आगरा विश्वविद्यालयों के द्वारा एल.एल.डी की और 'पटना विश्वविद्यालय' ने डी.लिट् की उपाधि प्रदान की गई। वे हिन्दी के प्रबल समर्थकों में से एक थे। हिन्दी को सम्मानीय स्तर तक ले जाने और उसे राजभाषा बनाने के लिए अमरनाथ झा का बहुमूल्य योगदान है।
अमरनाथ झा की नियुक्त 1922 ई. में अंग्रेज़ी अध्यापक के रूप में 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय' में हुई। यहाँ वे प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष रहने के बाद वर्ष 1938 में विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर बने और वर्ष 1946 तक इस पद पर बने रहे। उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय ने बहुत उन्नति की और उसकी गणना देश के उच्च कोटि के शिक्षा संस्थानों मे होने लगी। बाद में उन्होंने एक वर्ष 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय' के वाइस चांसलर का पदभार संभाला। अमरनाथ झा उत्तर प्रदेश और बिहार के 'लोक लेवा आयोग' के अध्यक्ष भी रहे हैं।
1917 में म्योर कॉलेज में 20 वर्ष की अवस्था में ही अंग्रेजी के प्रोफ़ेसर नियुक्त हुए। सन 1929 में विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर हुए। 1921 में प्रयाग म्यून्सिपैलिटी के सीनियर वाइस चेयरमैन हुए। उसी वर्ष पब्लिक लाइब्रेरी के मंत्री हुए। आप पोएट्री सोसाइटी, लंदन के उपसभापति रहे और रॉयल सोसाइटी ऑफ लिटरेचर के फेलो भी रहे। 1938 से 1947 तक प्रयाग विश्वविद्यालय के उपकुलपति थे। 1948 में अमरनाथ पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन नियुक्त हुए।
देश और समाज के लिए अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले इस महापुरुष का 2 सितम्बर, 1955 को देहांत हो गया।