डॉ दिनशॉ पारदीवाला बीते करीब 23 सालों से आर्थोस्कोपिक सर्जरी के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उनको ICC की मेडिकल कमेटी का मेंबर भी नियुक्त किया गया। डॉ. पारदीवाला कोकिलाबेन हॉस्पिटल के सेंटर फॉर स्पोर्ट्स मेडिसिन के हेड भी हैं। अभी डॉ दिनशॉ पारदीवाला भारतीय ओलंपिक टीम के साथ सर्जन के तौर पर पेरिस में ही हैं।
नाम | डॉ दिनशॉ नोशिर पारदीवाला |
जन्म | 2 नवंबर 1969 |
जन्म स्थान | बॉम्बे |
पिता | नोशिर पारदीवाला |
माता | रोडा नोशिर पारदीवाला |
शिक्षा | MBBS, MS |
पेशा | फिजिशियन और सर्जन |
पुरस्कार | ICASCO John Joyce अवार्ड (2009) |
अनुभव | 22 वर्ष से अधिक |
डॉ दिनशॉ पारदीवाला ने हाल में टीम इंडिया के विकेटकीपर ऋषभ पंत की सर्जरी की थी। इससे पहले वह दिग्गज सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह, जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा का भी ट्रीटमेंट कर चुके हैं। वह स्पोर्ट्स आर्थोपेडिक सर्जन हैं। वह 22 साल से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। पारदीवाला मुंबई में कोकिलाबेन अस्पताल में आर्थ्रोस्कोपी और शोल्डर सर्विस के डायरेक्टर हैं। पारदीवाला को 2009 में ICASCO John Joyce अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें यह अवॉर्ड आर्थोस्कोपिक सर्जरी में शानदार योगदान के लिए दिया गया।
पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट फाइनल मुकाबले से पहले डिसक्वालिफाई कर दी गयी थीं। जिसका कारण 100 ग्राम वजन ज्यादा बताया गया है। उससे दिन से एक दिन पहले भी विनेश फोगाट का वजन नियंत्रण में था लेकिन क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल जीतने के बाद विनेश फोगाट का वजन अचानक तेजी से बढ़ा। जिससे पूरे भारतीय ओलंपिक दल में खलबली मच गयी। सभी सदस्यों के द्वारा हरसंभव कोशिश करने के बाद भी वजन कम नहीं हो सका। कोच, फिजिशियन डॉ दिनशॉ पारदीवाला (Dinshaw Pardiwala) , विनेश के पति, फिजियो, मेडिकल स्टाफ और IOA अधिकारी ने अपनी ओर से वजन कम करने के भरसक प्रयास किए लेकिन इसमें वे सफल नहीं हो सके। बताया जा रहा है कि डॉ दिनशॉ पारदीवाला ने यहां तक कहा कि हम उनकी जान को खतरे में नहीं डाल सकते। विनेश ओलंपिक में कुश्ती में फाइनल में जगह बनाने वाली भारत की पहली महिला रेसलर बनीं थीं।
डॉ दिनशॉ पारदीवाला मुंबई में कोकिलाबेन अस्पताल में आर्थ्रोस्कोपी और शोल्डर सर्विस के डायरेक्टर हैं। इसके साथ ही वह स्पोर्ट्स आर्थोपेडिक सर्जन हैं। 22 साल से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। डॉ. परदीवाला इंडियन आर्थोस्कोपी एसोसिएशन के सदस्य हैं। वह अमेरिकन जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन जैसी पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड में रहे हैं। ICC में भारत के प्रतिनिधि होने के साथ-साथ वे अन्य कई खेलों की टीमों के बोर्ड के डॉक्टर भी हैं। 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों में से करीब 12 खिलाडियों की सर्जरी भी डॉ पारदीवाला ने ही की थी। आर्थोस्कोपी में इंटरनेशनल लेवल पर उनकी कई रिसर्च को मान्यता मिल चुकी है।