इंदर कुमार गुजराल (Inder kumar Gujral) भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण और सम्मानित चेहरा थे। वे भारतीय गणराज्य के 12वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनका कार्यकाल 1997 से 1998 तक था।
इंदर कुमार गुजराल का जन्म 4 दिसंबर 1919 को पंजाब के जसवंत नगर में हुआ था। उनका परिवार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी था, और यही उनके राजनीतिक जीवन की प्रेरणा बनता है। गुजरील ने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से की और राजनीति में अपना करियर शुरू किया।
जन्म | 4 दिसंबर 1919 |
जन्म स्थान | पंजाब |
व्यवसाय | 12वें प्रधानमंत्री, भारतीय राजनैतिक |
माता - पिता | पुष्प गुजराल (माता), अवतार नारायण गुजराल (पिता) |
पत्नी | शीला गुजराल |
निधन | 30 नवंबर 2012 |
गुजराल का राजनीतिक करियर बहुत ही समृद्ध था। उन्होंने भारतीय संसद में अपनी पहचान बनाई और कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में काम किया। वे 1976 से 1977 तक विदेश मंत्री रहे और भारतीय कूटनीति में उनका योगदान महत्वपूर्ण था। उन्होंने भारत के रिश्ते दुनिया भर के देशों से मजबूत किए।
1997 में जब कांग्रेस से समर्थन खोने के बाद, इंदर कुमार गुजराल को प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने अपने कार्यकाल में एक 'गुजराल डॉक्ट्रिन' (Gujral Doctrine) पेश किया, जिसमें उन्होंने भारत के पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते स्थापित करने का प्रयास किया। इसके तहत, भारत ने पाकिस्तान, नेपाल, बांगलादेश और श्रीलंका जैसे देशों के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया।
गुजराल ने 'बहुपक्षीय कूटनीति' को बढ़ावा दिया। उनके कार्यकाल में भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान मजबूत की। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि भारत की विदेश नीति अधिक समावेशी और प्रभावशाली हो।
गुजराल के कार्यकाल में भारतीय राजनीति में एक नई दिशा देखने को मिली। उन्होंने संघटनात्मक सुधारों और आर्थिक नीतियों के साथ भारत को प्रौद्योगिकीय उन्नति (technological advancement) की ओर बढ़ाया। उनकी सरकार ने कई आर्थिक और समाजिक योजनाओं को लागू किया, जो भारतीय जनता के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई।
इंदर कुमार गुजराल का निधन 30 नवंबर 2012 को हुआ। उनका जीवन भारतीय राजनीति और कूटनीति में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वे भारतीय विदेश नीति में सुधारों के जनक माने जाते हैं और उनके कार्यों से देश को एक नई दिशा मिली।
गुजराल का योगदान भारतीय राजनीति में अमूल्य है, और उनकी छवि एक ईमानदार, समर्पित और दूरदर्शी नेता की रूप में सदैव बनी रहेगी।