एम. एस. गोपालकृष्णन – M. S. Gopalakrishnan

एम. एस. गोपालकृष्णन (M. S. Gopalakrishnan) 10 जून 1931 – 3 जनवरी 2013 भारत के प्रसिद्ध वायलिन वादक थे, जिन्हें 'एम. एस. जी.' के नाम से भी जाना जाता है। 

जीवन 

उनका जन्म चेन्नई के मायलापुर में हुआ था, और उनके पिता परूर सुंदरम अय्यर, जो स्वयं एक वायलिन वादक थे, ने उन्हें कर्नाटक और हिंदुस्तानी दोनों शास्त्रीय संगीत प्रणालियों में प्रशिक्षित किया। सिर्फ 8 वर्ष की आयु में, गोपालकृष्णन ने अपने पिता के साथ मंच पर पहला प्रदर्शन किया।

एम. एस. गोपालकृष्णन बायोग्राफी – M. S. Gopalakrishnan Biography in Hindi

प्रसिद्ध नामएम. एस. गोपालकृष्णन
अन्य नाम'एमएस जी'
जन्म10 जून, 1931
जन्म भूमिमद्रास, ब्रिटिश भारत
मृत्यु3 जनवरी, 2013
मृत्यु स्थानचेन्नई, तमिलनाडु
अभिभावकपेरूर सुन्दरम अय्यर
संतान  दो पुत्रियाँ और एक पुत्र
कर्म भूमिभारत
कर्म-क्षेत्र शास्त्रीय संगीत
पुरस्कार-उपाधि'पद्मभूषण' (2012), 'पद्मश्री' (1975), 'केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' (1982)
प्रसिद्धिवायलिन वादक
नागरिकताभारतीय

वायलिन वादक बनने का सफर 

सात दशकों तक, एम. एस. गोपालकृष्णन ने वायलिन के माध्यम से कर्नाटक और हिंदुस्तानी संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया। उनकी प्रतिभा और योगदान के लिए उन्हें 'पद्मश्री' और 'पद्मभूषण' जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया। 3 जनवरी 2013 को चेन्नई में उनका निधन हुआ, लेकिन संगीत के क्षेत्र में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। 

उनकी जयंती पर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उन्हें नमन करते हुए कहा, "संगीत के क्षेत्र में दिया गया आपका योगदान सदैव हमारी स्मृतियों में जीवंत रहेगा।

एम. एस. गोपालकृष्णन का जीवन और संगीत के प्रति उनकी समर्पण भावना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी।