अगर साहस का कोई चित्र बनाया जाए तो यकीनन तस्वीर मुहम्मद अली की ही होगी, मुहम्मद अली को खेल दुनिया के सबसे बड़ा हेवीवेट मुक्केबाज़ कहा जाता है।उन्हें बीबीसी से स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी ऑफ द सेंचुरी तथा स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड द्वारा स्पोर्ट्समैन ऑफ द सेंचुरी का सम्मान मिल चुका है।
जीवन एवं शिक्षा – Life and Education
कैसियस क्ले का जन्म 17 जनवरी 1942 को अमरीका में हुआ,इन्होंने 1964 में सोंजी रोई से पहली शादी की। दो वर्ष बाद 1966 में ये दोनों अलग हो गए। इन्होंने 26 फरवरी 1965 को इन्होंने अपना नाम मुहम्मद अली रख लिया। मुहम्मद अली की चार शादी व नौ बच्चे हैं, इनकी एक बेटी लैला अली पेशेवर महिला मुक्केबाज़ है, अगस्त 1967 में इन्होंने बेलिंडा बॉयड से दूसरी शादी की, इस शादी से इन्हें तीन लड़कियां और एक लड़का हुआ।
इन्होंने अपने मुस्लिम धर्म की बात रखते हुए अमेरिकी सेना से जुड़ने से मना कर दिया। सेना से जुड़ने से मना करने के कारण न्यूयॉर्क स्टेट एथलेटिक कमीशन ने इन्हें बॉक्सिंग के लाइसेंस से वंचित कर दिया।
मुहम्मद अली जीवन परिचय- Muhammad ALI Biography
जन्म | 17 जनवरी 1942, अमरीका |
मृत्यु | 3 जून 2016, फीनिक्स एरिजोना |
माता | ओडिसा ग्रिडी क्ले |
पिता | कैसियस मर्सीलस क्ले |
पुरस्कार | 2006 – CSHL डबल हेलिक्स मैडल ओनोरी, प्रेसिडेंशियल सिटीजन्स मैडल, प्रेजिडेंशियल मेडल ऑफ़ फ्रीडम, इंटरनेशनल बॉक्सिंग हॉल ऑफ़ फेम, हॉलीवुड वॉक ऑफ़ फेम |
ऊंचाई | 6 फीट 3 इंच (191 से०मी०) |
पेशा | मुक्केबाज़ |
जीवनसाथी | योलांडा विलियम्स ( 1986-2016), वेरोनिका पोर्श अली ( 1977–1986), बेलिंडा बॉयड (1967–1977), सोन्जी रोइ (1964–1966) |
संबंधी | रहमान अली (भाई) |
खेल करियर – Amateur career
कैसियस क्ले के नाम से 1960 में अली ने रोम खेलों में लाइटहेवी वेट में भाग लेने की यात्रा शुरू लिया। मात्र 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने चारों चॅम्पियनशीप जीत लिए। फाइनल में उन्होंने तीन बार यूरोप चॅम्पियन ज़बिग्न्यू पिएत्र्ज़िकोव्स्की को हरा के स्वर्ण पदक जीत। अली 3 बार हेवीवेट चैम्पियन रहे हैं। अखाड़े में अली अपने फूटवर्क और मुक्के से ही जाने जाते थे।
12 साल की उम्र में पुलिस अधिकारी जो मार्टिन के संरक्षण में अपना पर्सिकक्षण शुरू किया। 22 वर्ष की उम्र में इन्होंने लला लिस्टन को विश्व हैवीवेट चैम्पियनशिप, 1964 में जीत हासिल की
अली ने 1974 में जॉर्ज फोरमैन को हराकर अपना खिताब वापस हासिल किया, जो वर्तमान डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (पूर्व में ज़ैरे) में आयोजित एक मुकाबले में हुआ था, जिसे “द रंबल इन द जंगल” के नाम से जाना जाता है। 1975 में उन्होंने “द थ्रिलर इन मनीला” में जो फ्रेज़ियर को हराया। उन्होंने अंततः 1981 में 56 जीत और 5 हार के पेशेवर रिकॉर्ड के साथ मुक्केबाजी से संन्यास ले लिया।
1996 में, अली को अटलांटा ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान मशाल जलाने के लिए चुना गया था। उन्होंने अपना अधिकांश जीवन मानवीय मामलों के लिए समर्पित किया है। 1998 में अली को संयुक्त राष्ट्र शांति दूत पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मुहम्मद अली का निधन 3 जून 2016 को हुआ।