नायब सूबेदार बाना सिंह – Naib Subedar Bana Singh

नायब सूबेदार बाना सिंह (वर्तमान में : कप्तान बाना सिंह) एक सेवानिवृत्त भारतीय सैनिक है, जो कि युद्धभूमि में वीरता के लिए भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र के प्राप्तकर्ता हैं। उनके सम्मान में भारत ने उनकी टीम द्वारा कब्जा किये गए पोस्ट का नाम ‘बाना पोस्ट’ कर दिया।  

बाना सिंह का जन्म 6 जनवरी, 1949 को हुआ था। जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग के कडयाल गांव के एक सिख परिवार में उनका जन्म हुआ था। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि खेती-किसानी की थी।

वह 6 जनवरी, 1969 को भारतीय सेना के जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री की 8वीं बटालियन में नियुक्त हुए। 1987 में भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन संघर्ष के दौरान उनकी असाधारण बहादुरी और नेतृत्व के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। भारतीय सेना के इस सियाचिन अभियान का नाम ऑपरेशन राजीव था। इस कारवाही के दौरान बाना सिंह और उनकी टीम ने पकिस्तान की क़ायद पोस्ट पर कब्जा कर लिया। यह पोस्ट भारत के लिए बहुत-ही महत्वपूर्ण थी। इस पोस्ट का नाम बाना सिंह के सम्मान में, बाद में, ‘बाना पोस्ट’ कर दिया गया। इस अभियान में बाना सिंह को उनकी नेतृत्व क्षमता और असाधारण बहादुरी के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

आधिकारिक प्रशस्ति : “नायब सूबेदार बाना सिंह ने जून, 1987 में 21,000 फीट की ऊंचाई पर सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में एक प्रतिद्वंद्वी द्वारा घुसपैठ को रोकने के लिए गठित एक टास्क फोर्स का सदस्य बनने के लिए स्वेच्छा से काम किया। यह पोस्ट वस्तुतः एक अभेद्य ग्लेशियर किला था जिसके दोनों तरफ 1,500 फीट ऊंची बर्फ की दीवारें थीं। नायब सूबेदार बाना सिंह ने अपने सैनिकों को बेहद कठिन और खतरनाक रास्ते से गुजारा। उन्होंने अपने अदम्य साहस और नेतृत्व से उन्हें प्रेरित किया। बहादुर नायब सूबेदार और उनके लोग रेंगते हुए दुश्मन के करीब पहुंचे। एक खाई से दूसरी खाई की ओर बढ़ते हुए, हथगोले फेंकते हुए और संगीन से हमला करते हुए, उन्होंने सभी घुसपैठियों की पोस्ट को साफ कर दिया। नायब सूबेदार बाना सिंह ने सबसे प्रतिकूल परिस्थितियों में सबसे विशिष्ट वीरता और नेतृत्व का प्रदर्शन किया।”

टीम अल्ट्रान्यूज टीवी की ओर से बाना सिंह को शत्-शत् नमन!